For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिला राज्य सम्मान- (दोहे)

-लक्ष्मण लडीवाला

तामस सात्विक राजसी, तीनो ही अभिमान, 
रावण और कुम्भ करण, तामस राजस जान।

सात्विक मन से आदमी, करे प्रभु गुणगान,
देख विभीषण को जरा, वे इसके  प्रतिमान ।

कुम्भ करण सोता रहा, दिल में भरा प्रमाद, 
अहंकार था तामसी, जीवन भर अवसाद ।

राजसी अहंकार वश, आजाये अभिमान,
अभिमानी रावण बना,रह न सका सम्मान।

रावन वीर महान था, महा भक्त गुणवान,
राजसी अहंकार वश, बच न सका अभिमान।

सात्विक अहंकारी पर, प्रभु करते है अभिमान, 
सात्विक मन विभीषण को,मिला राज्य सम्मान।

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर

Views: 756

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 18, 2013 at 11:11am

रचना अभिव्यक्ति पसंद करने के लिए हार्दिक आभार आपका श्री तुषार राज रस्तौगीजी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 18, 2013 at 11:09am

हार्दिक आभार आपका भाई श्री विजय निकोरे जी, वरद हस्त यूँ ही बना रहे 

Comment by vijay nikore on February 18, 2013 at 8:33am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी,

 

अच्छे दोहों के लिए बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by Ashok Kumar Raktale on February 18, 2013 at 8:15am

आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर सुन्दर दोहे प्रस्तुत किये हैं किन्तु पांचवे दोहे के सम चरणों का अंत गुरु लघु से क्यों नहि हुआ?

Comment by Tushar Raj Rastogi on February 17, 2013 at 8:21pm

लक्ष्मण जी आप तो छा गए, रामायण लेकर आ गए |

बेहद सादगी से आप, ज्ञान सबको सिखला गए ||

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति | बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 17, 2013 at 7:06pm

आभार किशन कुमार जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 17, 2013 at 7:05pm

दोहे पसंद करने और प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक आभार भाई संदीप पटेल जी 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 17, 2013 at 1:27pm

आदरणीय लक्ष्मण सर जी प्रणाम
सुन्दर दोहे रचे हैं श्रीमान आपने उसके लिए बधाई

मात्राएँ भी संयत हैं

किन्तु न जाने क्यूँ प्रवाह बाधित हो रहा है

एक बार पुनः देख लीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service