For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेता जन नायक बने, उत्तम हो पहचान,      

अभिनेता नेता बने, रखे हास्य का मान ।

************************************** 
खलनायक नेता बने,रखे विरोधी शान,     
नेता अभनेता बने, माइक पर ही ध्यान। 
***************************************
संसद में गर कवि रहे,छंदों में हो बात,       
सरोबार संसद रहेरस की हो बरसात।       
 ****************************************   
मन्त्र मुग्ध हो सब सुने,धीरज धर सब बात,      
पहुँचे न आघात जरा, जनहित की हो बात ।            
******************************************     
मापदंड हो योग्यता, जनता करे चुनाव,            
भ्रष्टाचार तभी मिटे, जन जन में सदभाव ।
*****************************************
नहि चुने धृतराष्ट्र को, धर्मराज का राज,
मंत्रीपद  पर जो रहे, करे विदुर सा काज । 
***************************************** 
अर्थशास्त्र कोटिल्य से, भारत में हो काज,
 काज करेचाणक्य ही, चन्द्र गुप्त  का राज।     
***************************************** 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

Views: 628

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2013 at 9:52am

बसंत में आपको रस की एक बूंद का भी अहसास हुआ तो मेरा लिखना सार्थक हो गया | 

हार्दिक आभार स्वकरे आदरणीया मंजरी पाण्डेय जी 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2013 at 9:49am

आपने दोहारी अभिव्यक्ति पसंद आई, आभार स्वीकारे करो सा भाई सतवीर वर्मा विर्काली जी 

Comment by mrs manjari pandey on February 28, 2013 at 11:15pm

 आदरणीय लक्ष्मन प्रसाद जी एकदम रस की बरसात आपने बसंत में कर ही दी है।

 

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on February 28, 2013 at 7:44pm
वाह सा, दोहों के माध्यम से बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 26, 2013 at 7:30pm

हार्दिक आभार श्री नादिर खान भाई 

Comment by नादिर ख़ान on February 26, 2013 at 4:07pm

मन्त्र मुग्ध हो सब सुने,धीरज धर सब बात,
पहुँचे न आघात जरा, जनहित की हो बात ।

मापदंड हो योग्यता, जनता करे चुनाव,
भ्रष्टाचार तभी मिटे, जन जन में सदभाव ।

उम्दा बात कही आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी...

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 26, 2013 at 2:18pm

हार्दिक बधाई स्वीकारे श्री राजेश कुमार झां साहब 

Comment by राजेश 'मृदु' on February 26, 2013 at 11:20am

इस सुंदर प्रस्‍तुति पर हार्दिक बधाई लाड़ीवाला जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 26, 2013 at 11:08am

आपको दोहे पसंद आये,मेरा प्रयास कुछ सार्थक हुआ, हार्दिक आभार स्वीकारे भाई श्री अभिनव शर्मा अरुण जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 26, 2013 at 11:06am

हार्दिक आभार  श्री राम शिरोमणि पाठक जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service