For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मसले होते हिंस्र, जाय ना खटमल मसले-

मौलिक

अप्रकाशित

मसले सुलझाने चला, आतंकी घुसपैठ ।

खटमल स्लीपर सेल बना, रेकी रेका ऐंठ ।


रेकी रेका ऐंठ, मुहैया असल असलहा ।

विकट सीरियल ब्लास्ट, लाश पर लगे कहकहा ।

सत्ता है असहाय, बढ़ें नित बर्बर नस्लें ।

मसले होते हिंस्र, जाय ना खटमल मसले ।

Views: 514

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रविकर on February 27, 2013 at 4:38pm

आभार आदरणीय ||

Comment by pawan amba on February 27, 2013 at 4:26pm

choti churi ki tarah hai rachna...bahut sundar ...Ravikar sahab....

Comment by राजेश 'मृदु' on February 26, 2013 at 11:11am

बहुत ही सामयिक एवं देखन में छोटन लगे घाव करे गंभीर वाली रचना, शब्‍दों का इतना अद्भुत प्रयोग अनायास ही आपके सामने सिर को झुका देता है, सादर

Comment by रविकर on February 26, 2013 at 8:34am

आभार आदरणीय ||


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 25, 2013 at 10:37pm

सही है, आदरणीय, खटमलों का न मसला जाना सारे मसलों की जड़ है.

विंध्येश्वरी जी के सुन्दर सुझाव के लिए और आप द्वारा उसके अनुमोदन के लिए हार्दिक बधाई. परस्पर स्नेह और आदर के माहौल में क्या कुछ नहीं सध जाता !!

शुभ-शुभ

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 25, 2013 at 5:24pm

बहुत मजेदार अद्भुद शैली विकसित हो रही आपकी 

जहां न पहुचे अन्य कवि, पहुँच रहे वहां रविकर कवि 
हार्दिक बधाई 
Comment by रविकर on February 25, 2013 at 12:26pm

हाँ जी-

खटमल स्लीपर सेल ज्यों--

आभार उचित है यह-

सादर

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on February 25, 2013 at 12:19pm
मेरी जानकारी के मुताबिक तो नहीं है।
यहां-
/खटमल स्लीपर सेल बना/ में बना के स्थान पर ज्यों कैसा रहेगा।
//खटमल स्लीपर सेल ज्यों//आप भी देख लीजियेगा।
Comment by रविकर on February 25, 2013 at 11:54am

आभार आदरणीय-

(स्लीपर-सेल = ४+२ मात्रा / उच्चारण की दृष्टि से लिया है )

क्या ऐसी छूट का कोई प्रावधान नहीं है आदरणीय -

सादर

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on February 25, 2013 at 11:37am
आदरणीय रविकर जी!बहुत ही अच्छी कुंडलिया है।शब्दों का जादू यहां भी सिरचढ़कर बोल रहा है।
दोहे के तृतीय चरण में एक मात्रा अधिक है।सम्भवत: टंकण त्रुटि है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service