For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"कभी हँस भी लिया करो जी "

बस लो भाई राम का नाम ,
बन जायेंगे बिगड़े काम !!


आशिकी का बुखार चढ़ा है ,
आशिकी में करना है नाम!
भेजो ऐसी सुन्दर कन्या ,
जो पिलाए इश्क का ज़ाम!!


इधर ढूंढा,उधर ढूंढा,
हो गई सुबह से शाम !
बेबस ,लाचार सा बैठा .
छोड़कर सब अपने काम !


गर्ल्स होस्टल के चक्कर काटकर,
बन गया हूँ उनका दुश्मन!
लड़कियाँ खोज़ती रहती मुझको ,
लिए हाँथ हाकी तमाम !


गर पिट गया तो गम नहीं ,
चलो ये दर्द भी सह लूँगा !
लेकिन अंत में भेज देना ,
जो मल दे मुझको प्यार का बाम !!


बस लो भाई राम का नाम ,
बन जायेंगे बिगड़े काम !!


राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 467

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2013 at 4:43pm

हाहाहा हाहाहा 

हाहाहा हाहाहा 

गर्ल्स होस्टल के चक्कर काटकर,
बन गया हूँ उनका दुश्मन!
लड़कियाँ खोज़ती रहती मुझको ,
लिए हाँथ हाकी तमाम !

हाहाहा हाहाहा........बहुत खूब ! 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 1, 2013 at 2:14pm

गर्ल्स होस्टल के चक्कर काटकर,
बन गया हूँ उनका दुश्मन!
लड़कियाँ खोज़ती रहती मुझको ,
लिए हाँथ हाकी तमाम !

सही कहा .. . लंपटई का अलग ही मजा है.. .  ग़ज़ब !

प्रयासरत रहें

Comment by Meena Pathak on March 1, 2013 at 1:48pm

गर पिट गया तो गम नहीं ,
चलो ये दर्द भी सह लूँगा !
लेकिन अंत में भेज देना ,
जो मल दे मुझको प्यार का बाम !!



हंसा दिया आप की रचना ने .........शुभकामनाएं पाठक जी .....   

Comment by रविकर on February 27, 2013 at 4:41pm

मेहनत का फल हमेशा मीठा नहीं होता -
फिर भी कर लो-
शुभकामनाएं प्रियवर ||

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 27, 2013 at 11:00am

आशिकी का बुखार चढ़ा है ,
आशिकी में करना है नाम!
भेजो ऐसी सुन्दर कन्या ,
जो पिलाए इश्क का ज़ाम!!- शायद दिल से निकले सुन्दर भाव , बधाई शिरोमणि पाठक जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। अहा! क्या कहने भाई जी बेहद शानदार और जानदार ग़ज़ल हुई है। अभी…"
26 minutes ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
5 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
7 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
7 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service