For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बनकर साकी आया हूँ मै आज जमाने रंग|
ऐसी आज पिलाऊंगा, सब रह जायेंगे दंग||

अभी मुफिलिसी सर पर मेरे, खोल न पाऊं मधुशाला|
फिर भी आज पिलाऊंगा मै हो वो भले आधा प्याला|
ऐ मेरे पीने वालों तुम, अभी से यूँ नाराज न हो|
मस्त इसी में हो जावोगे, बड़ी नशीली है हाला|

एक-एक पाई देकर मै जो अंगूर लाया हूँ|
इमानदारी की भट्ठी पे रख जतन से इसे बनाया हूँ|
तनु करने को ये न समझना, किसी गरीब का लहू लिया|
राजनीति से किसी तरह मै अब तक इसे बचाया हूँ|

हर बार तू मदिरा क्यूँ पीता, जो बनी है झूठे वादों से|
पल भर का है नशा जिसमे , जो बिकती है जल्लादों से|
गर पीना ही है तुझको तो, आज ले तू कुछ ऐसा पी|
तुझ पे नशा कुछ ऐसे चढ़े, न उतरे किन्ही इरादों से|

मुफ्त पिलाऊंगा सबको मै, दाम नहीं कुछ भी लूँगा|
होने वाली नशा का मै फिर नाम नहीं कुछ भी दूंगा|
इसके नशे में होकर तुम हर गम औ' फ़िक्र भूल जाओगे|
मस्त होकर तुम जियोगे, मस्त होकर मै भी जी लूँगा|

खुद साकी मै बनू आज, खुद ही बन जाऊं हाला भी|
अधरों से मुझे लगा ले तू, बन जाऊं ऐसा प्याला भी|
मेरे नशे में तुम झूमो, मेरा ही नशा बस तुमपे हो|
यदि खोल न पाऊं मधुशाला, बन जाऊं खुद मधुशाला भी|

इस अम्बर की जरुरत क्या, अम्बर ही वसन हो जाएगा|
भूलेगा ओछी मर्यादा, पी इतना मगन हो जाएगा|
ये कष्ट दुस्सह पीड़ा तन की, और मन की पिपासा जाएगी|
जब छोड़ सजे पैमानों को, सच्ची मदिरा अपनाएगा|

कही न कोई सजावट है, टूटा प्याला पर मेरा है|,
लेकिन इसमें तू माने तो, कुछ अधिकार भी तेरा है|.
'यदुकुल' मेरा और मिलाना पानी दूध में बात सही|,
पर मेरी हाला सच्ची है , जैसे रात सबेरा है|,.


अभी अचानक ध्यान हुआ, ऐसी भी मिली थी मधुशाला|,
बरबस ही नशा छ जाता था , बस देख उसकी यौवन हाला|.
साकी बने नयन उसके , कभी देते दावत पीने की|,
जब पीने को तैयार हुआ, हा ! कहाँ खो गया वो प्याला|.

हा ! मेरे होठों तक आकर , छीन गया मेरा प्याला|,
एक बूँद भी हलक के निचे , जा न सकी उसकी हाला|,
देश के ठेकेदारों ने मिलकर उसको ऐसे लूटा|,
साकी अब तक होश हीन है , गुमशुम सी है मधुशाला|.
गुमशुम सी है मधुशाला............................................

Views: 685

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on November 15, 2010 at 10:06am
dhanywaad rana ji aur veerendra ji.
Comment by Veerendra Jain on November 14, 2010 at 5:32pm
sunder rachna hai ashish bhai...bahut bahut badhai...

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 14, 2010 at 8:16am
पूरानी बोतल में ज़दीद ख्यालों से लबरेज़ हाला का लुत्फ़ आ गया|
आशीष भाई बधाई|
Comment by आशीष यादव on November 14, 2010 at 4:52am
Aadarniy aachary ji dhanywaad.
Comment by sanjiv verma 'salil' on November 14, 2010 at 12:33am
नवीन जी जो कहें वही सही...
Comment by आशीष यादव on November 13, 2010 at 6:45pm
शेषधर तिवारी जी आप का सुझाव सर आँखों पर| मै आगे से ध्यान रखूँगा| आप लोग अपना सुझाव हमेशा देते रहे जिससे की हमें भी गलतियों से सिखने को मिल सके|
Comment by आशीष यादव on November 13, 2010 at 6:42pm
हौसलाअफजाई के लिए धन्यवाद अभिनव जी, राकेश जी, और गुरु जी| आप लोगो का आशीर्वाद मै हमेश चाहूँगा|
Comment by Rash Bihari Ravi on November 13, 2010 at 3:59pm
khubsurat bahut badhia bhai
Comment by Abhinav Arun on November 12, 2010 at 9:57pm
वाह वाह आशीष जी आपने पुरानी मधुशाला की याद दिला दी !! बहुत खूब क्या रवानगी है !!!बधाई !!
Comment by आशीष यादव on November 12, 2010 at 6:43am
Dhanywad navin ji aur jogendar ji.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपका कहना सही है, पुराने सदस्यों को भी अब सक्रिय हो जाना चाहिए।"
29 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"<span;>आदरणीय अजय जी <span;>आपकी अभिव्यक्ति का स्वागत है। यह मंच हमेशा से पारस्परिक…"
33 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी साथियों को प्रणाम, आदरणीय सौरभ जी ने एक गंभीर मुद्दे को उठाया है और इस पर चर्चा आवश्यक है।…"
2 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"विषय बहुत ही चुनकर देते हैं आप आदरणीय योगराज सर। पुराने दिन याद आते हैं इस आयोजन के..."
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक रक्ताले सर, प्रस्तुत रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।तीसरी और चौथी पंक्तियों को पढ़ते समय…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, अच्छी रचना है सादर बधाई आपको"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय रवि शुक्ला जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar updated their profile
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"भाई मयंक जी, व्यवहार में निरमलता व विनम्रता ही ज्ञान का परिचय देती । सभी वरिष्ठों का आशीष बना रहे…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मंच के सभी सदस्यों को सादर अभिवादन। कई बार मन में आया कि मंच से वरिष्ठ व अनभवी और मार्गदर्शक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय नीलेश भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सलाह के लिए आपका आभार  आपकी दोनों सलाह अच्छी हैं ,…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय रवि भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service