करूणा के वशीभूत होकर
हृदय ने,पूछा मुझसे यह,
जीवन की निर्जन-बेला में,
तू बता,मुझे कौन है वह?
विशाल जीवन-सागर में
चलता है साथ तेरे जो,
क्या है कोई इस संसार में,
समझ सके विचार तेरे वो?
हृदय के इस प्रश्न ने,
डाल दिया मुझे सोच में।
फिर मन-ही-मन मैं लगी,
स्वयं से यह पूछने।
इस विशाल-संसार में होगा
कहीं पर ऐसा कोई क्या?
दुःख-दग्ध और करूणा से पूर्ण,
समझेगा मेरे हृदय की व्यथा।
सोचा है मन में जो कुछ मैंने,
संभव है,वह सत्य हो पाए।
कभी,कहीं जीवन के पथ पर,
राह में 'वो' मुझे मिल जाए।
इस विशाल एकांत जीवन में,
सदा है मुझे जिसकी प्रतीक्षा।
बस यही मेरे व्याकुल हृदय को
देती उसके मिलन की आकांक्षा।
है ज्ञात,संसार में मिलेंगे प्रेमी कई
पर मानो,मुझे कोई अज्ञात है प्रिये।
प्रार्थना है,मेरी सफल हो तपस्या,
मेरा सारा जीवन है उसी के लिये।
'सावित्री राठौर'
[मौलिक एवं अप्रकाशित]
Comment
बहुत ..... बहुत सुन्दर कविता ... बधाई
सावित्री जी , आपकी रचना मन को छू गया . मैं पहले अक्सर एक गीत गुनगुनाती थी - 'माझी नैया ढूढे किनारा ' . आज वह गीत मुझे
याद आ गया .आपको मंगल कमनाएँ सहित .
बहुत सुन्दर भाव है कविता के और एक सवाल है सब के लिये क्या वाकई मै आज कोई ऐसा नही है जो किसी के मन के भाव को समझ सके उसकी भावना को मान दे सके , लख लख बधाईया कविता के लिये
" स्वप्न सी सुन्दर कल्पनाओं में बसे महामानव की इस जगती पर प्रतीक्षा और साथ ही एक सुपोषित साकांक्ष मन " ----
सवित्रीजी ! इस सुन्दर सी कविता केलिए बधाई .
आदरणीया सावित्री जी:
रचना अच्छी लगी।
बधाई
सादर,
bahot khoob......................
आदरणीय विजय जी,सादर नमस्कार !
इस सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
आदरणीया सावित्री जी:
रचना अच्छी लगी।
बधाई
सादर,
विजय निकोर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online