For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! सत्यम शिवम सुन्दरम !!!

हे शिव जय शिव, हर शिव कर शिव।
जल शिव नभ शिव, थल शिव नर शिव।।
अनल शमन शिव, भवम शवम शिव।
ज्योतिर्मय शिव, तिमिर जगत शिव।।
अखिल पवन शिव, धवल चन्द्र शिव।
महिमा शिव शिव, गरिमा शिव शिव।।
महा समर शिव, अजर अमर शिव।
कन कन शिव शिव, आत्मा शिव शिव।।
मसान घर शिव, मन्दिर हिम शिव।
हरिजन शिव शिव, हरि भज शिव शिव।।
सकल जगत शिव, समरथ है शिव।
मैं भी शिव शिव, तू भी शिव शिव।।
भजन सुजन शिव, भगत भुतन शिव।
कह जन शिव शिव, सुन जन शिव शिव।।
राम रमा शिव, राधा प्रिय शिव।
वेदहि शिव शिव, पुरान शिव शिव।।
उमा सहित शिव, विशुनु भजे शिव।
रावन शिव शिव, सुरगन शिव शिव।।
असुर भजे शिव, विबुध भजे शिव।
जड़वत शिव शिव, चेतन शिव शिव।।
अनत नाम शिव, अन्त आदि शिव।
बाहर शिव शिव, अन्तर शिव शिव।।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।


के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1364

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 17, 2013 at 7:50am

आदरणीया,  शालिनी कौशिक जी,  आपको शिव स्तुति अच्छी लगी।  आपका बहुत बहुत आभार। सादर,

Comment by shalini kaushik on April 17, 2013 at 1:03am
bahut sundar aadhyatmik prastuti .badhai keval prasad ji .
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 16, 2013 at 10:37pm

आदरणीया वन्दना तिवारी  जी,  जय शिव शंकर की जय।  शिवशंकर जी की कृपा आप पर बनी रहे।  आपका हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by Vindu Babu on April 16, 2013 at 10:23pm
शिवाराधना हेतु सुन्दर स्तुति।
जै शिवशंकर।
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 16, 2013 at 6:30pm

आदरणीय योगी सारस्वत जी,  उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत.बहुत हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 16, 2013 at 6:29pm

आदरणीय गनेशजी 'बागी' जी,  उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत.बहुत हार्दिक आभार। सादर,

Comment by Yogi Saraswat on April 16, 2013 at 11:00am

वेदहि शिव शिव, पुरान शिव शिव।।
उमा सहित शिव, विशुनु भजे शिव।
रावन शिव शिव, सुरगन शिव शिव।।
असुर भजे शिव, विबुध भजे शिव।
जड़वत शिव शिव, चेतन शिव शिव।।
अनत नाम शिव, अन्त आदि शिव।
बाहर शिव शिव, अन्तर शिव शिव।।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।
शिव शिव शिव शिव, शिव शिव शिव शिव।

सुन्दर भक्ति भाव लिए रचना


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2013 at 9:48am

सुन्दर भक्तिमय और भावपूर्ण रचना, बधाई स्वीकार हो ।  

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 16, 2013 at 8:24am

आदरणीय बृजेश कुमार सिहं जी,  सादर प्रणाम! आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 16, 2013 at 8:20am

आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी,  सादर प्रणाम! आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। आपका प्यार ही आशीष है।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
2 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
18 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
18 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service