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तेरे इन्तेज़ार का मौसम!

सजी हैँ ख़्वाब बनकर
जुगनुओँ की तरह
मासूम हसरतेँ दिल की
हिज़्र की पलकोँ पर...


यह टीसती हवायेँ
यह लम्होँ की तल्खियां
मचलने लगी है
हर तमन्ना
वक्त की आगोश मेँ..

मुन्तज़िर है आज भी दिल
किसी मख़्सूस सी
आहट के लिए..


यह मंज़र यह फ़िज़ायेँ
यह प्यार का मौसम
कितना है हसीँ
तेरे इन्तेज़ार का मौसम..!

*******************************

(मौलिक व अप्रकाशित)
___आबिद अली मंसूरी

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Comment by Abid ali mansoori on June 8, 2013 at 9:59am
आदरणीय कुंती जी हर बार की तरह इस बार भी एक प्यारी सी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार!
Comment by coontee mukerji on June 8, 2013 at 9:32am

मुन्तज़िर है आज भी दिल
किसी मख़्सूस सी
आहट के लिए...........बहुत सुंदर ढंग से अपनी भावनाओं प्रस्तुत किया है आबीद जी ./

सादर

कुंती.

Comment by Abid ali mansoori on June 8, 2013 at 8:06am
Adarniya shubhangna ji tahe dil se shukriya aapka!
Comment by Abid ali mansoori on June 8, 2013 at 8:02am
आदरणीय प्रियंका जी हार्दिक आभार!
Comment by शुभांगना सिद्धि on June 8, 2013 at 2:25am

वाह बहुत खूब!

Comment by Priyanka singh on June 8, 2013 at 12:53am

वाह बहुत खूब .....

Comment by Abid ali mansoori on June 7, 2013 at 10:42pm
आदरणीय श्री सौरभ जी तह-ए- दिल से शुक्रिया आपका इस मोहब्बत के लिए,
शुभरात्रि!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 7, 2013 at 9:41pm

मुलामियत से लबरेज़ अच्छी पंक्तियाँ हुई हैं, आबिदभाई .. .

बहुत खूब

Comment by Abid ali mansoori on June 7, 2013 at 9:04pm
आदरणीय श्याम जी,विनीता जी,गीतिका जी,बृजेश जी और आदरणीय जितेन्द्र जी,बहुत आभार आप सभी मित्रोँ का,हृदय से नमन इस हौसला अफजाई के लिए!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 7, 2013 at 7:37pm
आदरणीय आबिद साहब, बहुत उम्दा पंक्तियां, शुभकामनाऐ

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