चीखती हैं सरहदें और जागते जवान हैं|
रक्त से शहीदों के अब लाल आसमान है||
शहीद होते पूतों की माताएँ सिसक रही|
बिछुड़ के अपने पति से पत्नियाँ बिलख रही||
पित्रहीन बच्चों का भी चेहरा रंगहीन है|
परिवार था खुश कभी आज दीनहीन है||
मुआवजे की भीख दे नेता जी उबर लिए|
चेतावनी जो बदले की उससे वो मुकर लिए||
सो रहे नेताओं से मेरा एक सवाल है|
जो काटे सिर हेमराज का किसलिए मेहमान है||
सर के बदले सर ही अब तुम भी क्यों न मांगते|
बनते खैरख्वाह जो दायित्व से क्यों भागते||
नापाक रूपी पाक से तुम मित्रता क्यों चाहते|
जो सांप आस्तीन का उसे दूध तुम क्यों बांटते||
साथ पूरा देश है हिम्मत जरा दिखाइए|
तुम राजनीति छोड़ अब देश को बचाइए||
अब क्रोध है जवानों में कि सीना चीर डालेंगे|
उठी जो आँख देश पे वो आँख फोड़ डालेंगे||
भगत, आज़ाद, बोस जिस देश की पहचान हैं|
उसकी अस्मिता को अपनी जान भी कुर्बान है||
हरीश उप्रेती "करन"
मौलिक व् अप्रकाशित
Comment
आदरणीय लक्ष्मण सर धन्यवाद्......
जवानों में जोश भर्ती रचना के लिए बधाई श्री हरीश उत्प्रेती जी -
शहीदों पर न हो राजनीति,उत्प्रेरित करती रचना
होंसला बढे वीर जवान का,बस इतना ही कहना |
आदरणीय जीतेन्द्र जी होंसला बढ़ाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...
रविकर सर बहुत बहुत शुक्रिया...
आदरणीय जवाहर लाल जी होंसला अफजाई के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्......जय हिन्द
साथ पूरा देश है हिम्मत जरा दिखाइए|
राजनीति छोड़ अब देश को बचाइए|| .... ये जज्बा कब आयेगा? सुंदर आह्वान!
बहुत ही सुंदर व मर्मस्पर्शी रचना..................
साथ पूरा देश है हिम्मत जरा दिखाइए|
तुम राजनीति छोड़ अब देश को बचाइए|| सार्थक
कारुणीक
आभार आदरणीय-
एक प्रतिक्रिया-
कीमत मत मानव लगा, महा-मतलबी दृष्टि |
हिम्मत से टकरा रहे, भरी चुनौती सृष्टि |
भरी चुनौती सृष्टि, वृष्टि कुहराम मचाये |
अहंकार हो नष्ट, तिगनिया नाच नचाये |
जय जय जय हे वीर, भगाते आई शामत |
सादर तुम्हें प्रणाम, चुकाई भारी कीमत ||
आदरणीय प्राची जी बताने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया......
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online