For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल:-मैं ही रुसवा हुआ

ग़ज़ल:-मैं ही रुसवा हुआ
मैं ही रुसवा हुआ ज़माने में
नाम उसका नहीं फ़साने में |

उन चरागों को दुआएं दे दूं
खुद जला मैं जिन्हें जलाने में |

चोंच खाली लिए लौटे पंछी
बच्चे भूखे रहे ठिकाने में |

कैसे कह दूं कि यह घर छोटा है
उम्र गुजरी इसे बनाने में |

तुम कि गंगा का दर्द क्या सुनते
तुम तो मशगूल थे नहाने में |

एक भरम है चमन की रंगों-बू
है मज़ा तितलियाँ उड़ाने में |

ताज में वे भी दफ़्न हैं 'अभिनव'
हाथ जिनके कटे बनाने में |

Views: 554

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on January 1, 2011 at 2:36pm

नुरैन अंसारी जी आभार और नए साल की मुबारकवाद !!!

Comment by Noorain Ansari on December 27, 2010 at 6:45pm
बहूत सुंदर ग़ज़ल..अभिनव जी..
 
तुम कि गंगा का दर्द क्या सुनते
तुम तो मशगूल थे नहाने में
Comment by Abhinav Arun on December 11, 2010 at 7:09pm

आभार रवि जी ! आपने ग़ज़ल पसंद की मन प्रसन्न और संतुष्ट हुआ |

Comment by Rash Bihari Ravi on December 10, 2010 at 2:18pm

khubsurat manmohak

Comment by Abhinav Arun on December 10, 2010 at 2:16pm

धन्यवाद वीरेन्द्र जी | ऐसी ग़ज़लें पसंद करने वाले कम ही मिलते हैं और जो हैं वो मुझे बेहद पसंद हैं|

Comment by Veerendra Jain on December 9, 2010 at 12:04pm
चोंच खाली लिए लौटे पंछी
बच्चे भूखे रहे ठिकाने में |

कैसे कह दूं कि यह घर छोटा है
उम्र गुजरी इसे बनाने में |
bahut hi badhiya Arun ji...
Comment by Abhinav Arun on December 8, 2010 at 3:44pm
भास्कर जी,नवीन जी,गज़ल पसंद करने और उससे बड़ी बात कि कमेन्ट के लिए दिल से आभार |आप लोग लिखते हैं तो हौसला मिलता है |
Comment by Bhasker Agrawal on December 8, 2010 at 3:03pm
उन चरागों को दुआएं दे दूं
खुद जला मैं जिन्हें जलाने में |...are wahh
Comment by Abhinav Arun on December 7, 2010 at 9:35am
आभार शेष जी ग़ज़ल पसंद की आपने |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"नमस्कार,  शुभ प्रभात, भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर 'धामी' जी, कोशिश अच्छी की आपने!…"
57 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब!अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"लोक के नाम का  शासन  ये मैं कैसा देखूँ जन के सेवक में बसा आज भी राजा देखूँ।१। *…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, कुछ और प्रयास करने का अवसर मिलेगा। सादर.."
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service