For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वतन की कौन सोचेगा अगर तुम हम नहीं तो

ल ला ला ला  ल ला ला ला  ल ला ला ला  ल ला ला 

वतन की कौन सोचेगा अगर तुम हम नहीं तो 

पहन लो हाथ में चूड़ी अगर हो दम नहीं तो 

लुटी है आबरू जिसकी वो बिटिया इस चमन की 

वो है जल्लाद गर है आँख किंचित नम नहीं तो 

हसी मंजर हसी रुत ये भला किस काम के हैं 

सफ़र में साथ जब अपने हसी हमदम नहीं तो 

मजा क्या आएगा हम को भला इस जिन्दगी का 

खुशी के साथ थोडा सा कहीं गर गम नहीं तो 

सुखा देती जिगर के घाव तेरी मुस्कराहट 

बदन की चोट हो ना ठीक गर मरहम नहीं तो 

मौलिक व अप्रकाशित 

डॉ आशुतोष मिश्र 

आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी 

बभनान गोंडा 

Views: 541

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2013 at 12:12am

ताव, प्रभाव और शिल्प के लिहाज से बेहतर नतीजा आया है, आदरणीय आशुतोषजी.

ढेर सारी बधाई स्वीकारें

शुभम्

Comment by MAHIMA SHREE on August 15, 2013 at 12:08pm

वतन की कौन सोचेगा अगर तुम हम नहीं तो 

पहन लो हाथ में चूड़ी अगर हो दम नहीं तो 

लुटी है आबरू जिसकी वो बिटिया इस चमन की 

वो है जल्लाद गर है आँख किंचित नम नहीं तो .... बहुत ही बढिया आदरणीय ..बधाई आपको

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 15, 2013 at 7:33am

बीनस जी आप लोगों से ही चंद महीनात पहले ग़ज़ल के बिषय में जानी का मौका मिला ग़ज़ल की कक्षा और ग़ज़ल की बातें ज्वाइन करके तमाम बातें मालूम हुई ..उसी के आधार पर प्रयास कर रहा हूँ और चाहता हूँ आप सब मार्गदर्शन करते रहे ताकी ग़ज़ल के तमाम तकनीकी बातों की जानकारी मुझे मिल सके ...हार्दिक धन्यवाद के साथ 

Comment by वीनस केसरी on August 15, 2013 at 3:27am

वाह !!!
बेहतरीन ... हार्दिक बधाई स्वीकारें ....
आपकी लेखनी से लगातार अच्छी रचनाएँ पढ़ कर बेहद खुशी होती है

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 14, 2013 at 2:25pm

आदरनीय केतन जी , श्याम जी ..हौसला अफजाई के लिए हार्दिक धन्यवाद 

Comment by Ketan Parmar on August 13, 2013 at 5:59pm

Koshish ke liye bahut mubarak baad

Comment by Ketan Parmar on August 13, 2013 at 5:58pm

Waah

Comment by Shyam Narain Verma on August 13, 2013 at 4:20pm

बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
15 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
15 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
15 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
16 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
21 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service