घोटाले कर कर हुई, भ्रष्ट आज सरकार
जनता डर डर रह रही, संसद भी बीमार
संसद भी बीमार, मिलै नहि मोहे चैना
जुल्मी है सरकार, बड़ा मुश्किल है रहना
कह सागर सुमनाय, काम तो इनके काले
खाना बांटे मुफ्त, करे नित नए घोटाले
आशीष श्रीवास्तव - सागर सुमन
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
Vasundhara pandey : aabhar utsah vardhan hetu
Shyam Narain Verma ji , utssah vardhan hetu aabhar
बहुत सुन्दर भाव आदरणीय-
प्रेरित करते हुवे-
सादर-
घोटा ले ले राल नित, पर पोटा ना जाय |
लोटा क़दमों में मगर, लोटा-थाल बिकाय |
लोटा-थाल बिकाय, हुआ मेरा मन-रेगा |
मिला दबंग प्रधान, दिखा जाता है ठेंगा |
बँटना बंटाधार, लगे ना इस पर ताले |
सड़ा सड़क पर अन्न, महज हो रहे घुटाले ||
क्या बात है...बहुत ही सुन्दर...!!
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ……………… |
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