राजनीतिज्ञ,
कुशल अभिनेता,
मूक दर्शक।
कुटनीतिज्ञ
कुशल राजनेता
मित्र ही शत्रु
शकुनी नेता
लोकतंत्र चैसर
बिसात लोग
लोकराज है
लोभ मोह में लोग
यही तो रोग
अपनत्व है ?
देश से सरोकार ?
फिर बेकार ।
सपना क्या था ?
शहीद सपूतो का
मिले आजादी ?
आजादी कैसी
विचार परतंत्र
वाह रे तंत्र
गांधी विचार
कैसे भरे संस्कार
कहां है खादी ?
विकास गढ़े
हर चेहरा पढ़े
मानव कढ़े
..........‘‘रमेश‘‘.........
मौलिक एवं अप्रकाशित
चैसर = Chausar
Comment
डां प्राची सिंह - दीदीजी आपके मार्गदर्शन के आभार । आपने जो शिल्पगत त्रुटि चिन्हांकित किये है वह उचित है । भाव अतिरेक में यह गलती हो गई । आगे मै इस प्रकार त्रुटियों पर ध्यान रखूंगा । सादर धन्यवाद
आदरणीय रमेश कुमार चौहान जी सभी हायकू बहुत सुन्दर हैं..
हार्दिक बधाई
शिल्प की दृष्टि से इन दो हायकुओं पर आपका ध्यानाकर्षण चाहूंगी ..
सपना क्या था ?
शहीद सपूतो का............इस पंक्ति का कोई स्वतंत्र अस्तित्व है क्या ? यह प्रथम पंक्ति पर ही पूर्णतः निर्भर प्रतीत होती है
मिले आजादी ?
लोकराज है
लोभ मोह में लोग
यही तो रोग ...............इसी प्रकार यह पंक्ति भी पूर्णतः स्वतंत्र नहीं है
शुभेच्छाएँ
बहुत सुन्दर हाइकू लिखे है आपने आदरणीय//हार्दिक बधाई
बहुत सुन्दर हाइकू .. बधाई आदरणीय
बहुत सुंदर! आपको हार्दिक बधाई!
आ० सुंदर हाइकू बहुत बधाई ।
मस्त हाइकू-
सफल प्रयास-
बधाई आदरणीय-
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