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तुमने हारा है मुझपे दिल अपना...

तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुज़ारी  है ।

तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तुम भी सोते नहीं हो रातों को,

हम भी बस करवटें बदलते हैं ।

तुम शमा बन के उधर जलते हो,

हम इधर मोम  से पिघलते हैं ॥

 

उस तरफ तुम भी बेक़रार से हो, और यहाँ पर भी बेकरारी है ।

तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तुम बहुत दूर हो मुझसे लेकिन,

जाने क्यूँ आस-पास लगते हो ।

कल तलक अजनबी के जैसे थे,

आज क्यूँ इतने ख़ास लगते हो ॥

 

दिल तो पहले ही "वीर" दे बैठे, अब तो ये जान भी तुम्हारी है |

  तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुज़ारी है ॥

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:26am

आदरणीय  Meena Pathak जी उत्साहवर्धन के लिए  बहुत बहुत शुक्रिया  

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:25am

 आदरणीय  SANDEEP KUMAR PATEL जी उत्साहवर्धन के लिए  बहुत बहुत शुक्रिया ... :) 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:24am

आदरणीय  रविकर   जी उत्साहवर्धन के लिए  बहुत बहुत शुक्रिया.... 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:22am

आदरणीय  Dr Ashutosh Vajpeyee जी बस इसी दोष्निवारण हेतु आया हूँ आप सब के सानिध्य में शायद मै  भी संवर जाऊं .....  बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by annapurna bajpai on September 6, 2013 at 11:42pm

सुन्दर  गीत बहुत बधाई आपको इस अनुपम रचना के लिए आ0 अनिल जी । 

Comment by Meena Pathak on September 6, 2013 at 5:36pm

अति उत्तम ... बधाई

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 6, 2013 at 4:20pm

बहुत ही सुन्दर गीत रचा है आदरणीय सादर बधाई स्वीकारें ....................जय हो 

Comment by रविकर on September 6, 2013 at 2:15pm

बढ़िया विछोह-
शुभकामनायें आदरणीय-

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on September 6, 2013 at 1:28pm

सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई किन्तु शैल्पिक दोष बहुत अधिक है बन्धु......रचना किसी वरिष्ठ को दिखा लिया कीजिये तब पोस्ट कीजिये तो उचित रहेगा......और तभी आपको शैल्पिक सिद्धि भी मिलेगी.....शुभकामनाएं 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 6, 2013 at 12:39pm

Giriraaj sir शुक्रिया

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