For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सोये वीरों को जगाना चाहते हैं इसलिए "ग़ज़ल"

सोये वीरों को जगाना चाहते हैं इसलिए

वीर रस के गीत गाना चाहते हैं इसलिए

 

माँ बहन बेटी की इज्ज़त से न खेले अब कोई

इक कड़ा कानून लाना चाहते हैं इसलिए

 

मर न जाए कोई भी आदम दवा बिन भूख से

हम गरीबी को हटाना चाहते हैं इसलिए

 

हम विरोधी पश्चिमी तहजीब के हरदम रहे

संस्कृति अपनी बचाना चाहते हैं इसलिए

 

रक्त की नदियाँ बहें ना देश में दंगों से अब

रक्त में अब हम नहाना चाहते हैं इसलिए

 

राह में हुड़दंगियाँ जो कर रहे हैं नौजवाँ

बस अमन औ चैन पाना चाहते हैं इसलिए

 

ठोकरें हमनें जो खाई वो किसी को ना मिलें

राह से पत्थर उठाना चाहते हैं इसलिए  

 

ढूंढते चिंगारियाँ हैं हम अँधेरी राह में

“दीप” इक सच का जलाना चाहते हैं इसलिए

"मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 669

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:24pm

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय वीर जी ......स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:24pm

आपका बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अन्नपूर्णा जी ....सादर आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:23pm

आपका बहुत बहुत आभार आदर्नेया सरिता जी ......सादर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 7, 2013 at 2:23pm

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय सिज्जू जी ....स्नेह बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 7, 2013 at 10:44am

वाह वाह प्रिय मित्रवर आनंद आ गया क्या खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने सभी के सभी अशआर लाजवाब हैं दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं.

Comment by Meena Pathak on September 7, 2013 at 9:43am

बहुत सुन्दर ग़ज़ल .. बधाई

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:15am

बहुत बढ़िया ग़ज़ल संदीप जी .... बधाई हो 

Comment by annapurna bajpai on September 6, 2013 at 11:51pm

आदरणीय संदीप जी बहुत सुंदर गजल के लिए बधाई । 

Comment by Sarita Bhatia on September 6, 2013 at 11:39pm

क्या बात बहुत बढ़िया अशआर संदीप जी ,बधाई स्वीकार करें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 6, 2013 at 10:07pm

//ठोकरें हमनें जो खाई वो किसी को ना मिलें

राह से पत्थर उठाना चाहते हैं इसलिए//

बहुत बढ़िया संदीपजी बेहतरीन ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service