For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया (बीवी बनाम् शेरनी)

जंगल भागी शेरनी, ख़बर छपी अखबार।

फौरन फोन घुमाइए, नज़र पड़े जो यार।।

नज़र पड़े जो यार, पड़े हम भी चक्कर में,

कर डाला झट फोन, उसी पल चिड़ियाघर में।

यहाँ शेरनी एक, करे जो मुझसे दंगल,

'उसे' ढूँढने जाय, इसे तब छोड़ो जंगल।

----------------------------------- सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 888

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:14pm

जी हाँ आदरणीय रमेश भाई.... सही कहा...हा..हा...हा.... सादर धन्यवाद...

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:14pm

हा..हा..हा.... आदरणीय गणेश बागी भाई जी.... यह सच है कि काफी दिनों के बाद मेरा यहाँ आना हो रहा है.... लेकिन सच्चाई यही है कि आप सब के बिना रह भी नहीं पाता हूँ.... बस समय एवं कार्य के हाथों विवश हूँ.... फिर भी जब भी समय निकालता है तो कोशिश रहती है कि अपने अग्रजों एवं अनुजों के बीच यहाँ पर आऊँ एवं कुछ सीखूँ.... स्नेहिल टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद...

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:10pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय अरुन भाई... क्या बात है... आपकी टिप्पणी अब पढ़ रहा हूँ और शब्दों का यही फेरबदल मैंने पहले ही कर दिया है... जब आदरणीया राजेश जी की पहली टिप्पणी पढ़ी..... आपको रचना पसंद आई उसके लिए अतिश: धन्यवाद..

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:08pm

हार्दिक धन्यवाद आपका बृजेश जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:07pm

उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धऩ्यवाद आदरणीय गिरिराज जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:06pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी... वैसे आपका परामर्श मैं अब देख रहा हूँ.... मैंने केवल आपका पहला कमैंट पढ़ते ही गलती सुधार ली थी और उसे पोस्ट भी कर दिया था.... लेकिन आपका परामर्श तो और भी शानदार है.... और शायद सच्चाई भी.... हा...हा...हा.... हा.... अरे मुझे ज्यादा नहीं हँसना चाहिए.... शेरनी ने सुन लिया तो.......

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 9:03pm

हा...हा.... सही कहा आदरणीया राजेश कुमारी जी.... यहाँ तो रोज ही शेरनी से पंगा लेता हूँ..... हा...हा...हा.... और छंद में गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद..... भूलवश ऐसा हुआ जिसे सुधार लिया गया है....

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 2, 2013 at 8:01pm

हास्य की जमीन स्वयं/स्वयं का घर ही होता सो शेरनी घर में हास्य रूप में दहाड रही है । बहुत ही सुंदर हास्य के लिये बधाई


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 2, 2013 at 4:55pm

वाह भाई सुशील जी, बहुत दिनों बाद आना हुआ और आते ही सिक्सर,बढ़िया है, बधाई आदरणीय । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 2, 2013 at 1:01pm

आदरणीय सुशील भाई बेहद सुन्दर हास्यप्रद कुण्डलिया छंद रचा है आपने दिल खुश हो गया भाई जी आदरणीया राजेश जी ने उचित कहा है यहाँ शेरनी एक करने से गेयता ठीक हो जाएगी ऐसा मुझे लगता है. इस सुन्दर हास्यप्रद कुण्डलिया छंद हेतु बधाई प्रेषित है स्वीकार करें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
8 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अशोक  भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  लगता है गेयता की समस्या  मेरी…"
26 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
35 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
38 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद  भाव स्पष्ट करने  के लिए |"
40 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"लड़ियाँ  झूमें  ओने-कोने,  फूले-फले  त्योहार।...उत्तम कामना है आपकी किन्तु…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" दूर दूर रहना मजबूरी, बिखर गया परिवार।               …"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ग्राहक सोचे क्या-क्या ले लूँ , और किसे दूँ छोड़.... सच यही स्थिति होती है सजा हुआ बाज़ार देखकर.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंद गीत पर आपकी सराहना ने सृजन को सार्थकता प्रदान की है.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आपको भी दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रस्तुत…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हृदय से आभार. सादर "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service