कल राज्य में आम चुनाव के परिणाम का दिन था लोटन दास 'चम्मच छाप' पार्टी का पक्का समर्थक था, 'चम्मच छाप" बिल्ला लगाए, झंडा और गुलाल लिए वो और उसके साथी मतगणना स्थल पर सुबह से मौजूद थें, उसकी पार्टी को शुरूआती बढ़त मिलने लगी, लोटन दास और उसके साथी पूरे उमंग में नारे लगा-लगा कर गुलाल उड़ाते हुए नाच रहे थे ।
किन्तु यह क्या ! दोपहर बाद 'थाली छाप' पार्टी ने बढ़त बना ली और अंततः समूचे राज्य में पूर्ण बहुमत से 'थाली पार्टी' की जीत हो गई । लोटन दास देर रात घर लौट आया, गुलाल से पूरी तरह सराबोर, उसके कुरते पर अब 'थाली छाप' बिल्ला अपनी चमक बिखेर रहा था ।
(मौलिक व अप्रकाशित)
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Comment
आज की जनता और राजनीतिक पार्टीयों के समर्थको पर एक बेहतरीन कटाक्ष ! और ये बेपेंदी के लोटे ही हमारे देश के विकास में बाधक है ! बहुत बहुत बधाई आपको !
आदरणीय गणेश भाई जी , ढाल देख कर लुड़कने वालों पर बहुत सुन्दर लघुकथा , बहुत सुन्दर कटाक्ष !!!! दिली दाद कुबूल करें !!
आदरणीय बागी जी ..वर्तमान परिदृश्य को दिखाती शानदार रचना ....पात्रों के नाम और हास्यात्मक शैली रचना में चार चाँद लगा रहे हैं ..आपको सादर बधायी के साथ
हाहाहा आदरणीय भ्राताश्री लोटन दास, 'चम्मच छाप', 'थाली छाप' पार्टी इस लघुकथा में हास्य पैदा तो ही रहें हैं साथ ही साथ लघुकथा में जान भी डाल दी है आपने इन शब्दों के उपयोग से. आनंद आ गया भाई जी बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. जय हो
वाह !!चुटीली व्यंग कथा कही|
पात्रों के नामकरण भी यथोचित किये गये| वास्तविकता मे हास्य का पुट बिखेरती लघुकथा रचना!
बधाई आ0 बागी जी!
** जिधर बम – उधर हम** । भारत की लगभग आधी आबादी का यही चरित्र है, आश्चर्य ये कि इसमें सुविधा सम्पन्न , शिक्षित लोटन दास ज्यादा हैं। ऐसे व्यक्तियों के कारण ही हम कई सौ बरस गुलाम भी रहे। ... बधाई गणेश भाई। काश इसे लाखों लोटन दास पढ़्ते।
ऐसा ही होता है.....'लाली देखन मैं गयी मैं भी हो गयी लाल.'
हाहाहा ---बे पेंदी का लौटा इसे ही कहते हैं जब चाहे जहां लुढ़क जाओ जहां फायदा है वहीँ के हो जाओ ,बहुत सही कटाक्ष किया है वाह समसामयिक लघु कथा बहुत बढ़िया बधाई आदरणीय गणेश जी
थाली का बैंगन बना, लोटे लोटन राम |
बढ़िया लागी लघु-कथा, हैं सटीक आयाम ||
आदरणीय गणेश जी, "यथा नाम, तथा गुण" वाले पात्र के माध्यम से लघु कथा अपना संदेश दे गई. उत्कृष्ट कथा हेतु बधाइयाँ........
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