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बहुत सुन्दर गज़ल .. बधाई आप को
आदरणीय पूनम जी , छोटी बह्र मे बहुत सुन्दर गज़ल कही है !!!!! आपको बहुत बधाई !!!!
वाह्ह्ह शानदार गजल हुयी है
हवा थोडी तुफानी है
इसे मैं बेअसर करदूँ.....वाह्ह्ह्ह
जरा सा वक्त तुम देदो
जहन्नुम को न घर कर दूँ...शानदार लाजबाब शेर है दाद कबूलें पूनम शुक्ला जी
जरा सा वक्त तुम दे दो
जहन्नुम को न घर कर दूँ
वाह्ह्ह शानदार शेर ,दिली दाद कबूलें सुन्दर ग़ज़ल के लिए
bahut sundar. mainekhez gazal ha. Poonam ji meri shubh kamnayein
वाह! बहुत सुन्दर!
चलूँगी राह जब अपनी
समुन्दर को डगर कर दूँ
एक श'र की कोशिश मेरी तरफ से...
लिया है आसमाँ को छू
हवाओं को खबर कर दूँ|
जरा सा वक्त तुम दे दो
जहन्नुम को न घर कर दूँ
चलूँगी राह जब अपनी
समुन्दर को डगर कर दूँ................... सुंदर पंक्तियाँ , बहुत बधाई आपको ।
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