छंद- द्रुतविलंबित
लक्षण - 12 वर्णों के चार चरणों वाले इस छंद के प्रत्येक चरण में 1 नगण 2 भगण तथा 1 रगण होता है I
111 211 211 212
प्रकट है तटबंध प्रवाहिका
नयन गोचर है सरिता नहीं
इक तना लघु था सहसा तना
न चरता पशु भी इक पास में I
सरित का कुछ गान हुआ नहीं
पवन का कुछ भान हुआ नहीं
विरल जीवन मात्र पिपीलिका
सघन है वन नीरव देश भी I
उस तने पर है सब जीव जो
मगन होकर वे सब पी रहे
सुरस जो बहता रिसता वहां
तनिक भी उनको भय है नहीं I
जगत में हम भी सब लींन यो
विकट पाश लिए यम है खड़ा
पर किसे उसकी परवाह है
हम धरा पर है जड़ जीव से I
(मौलिक व अप्रकाशित )
Comment
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको! |
सुन्दर प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आपको ,,,,,सादर .....................
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