For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

श्याम जैसी वो साँवरी होगी : अरुन शर्मा 'अनन्त'

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
2122  1212  22


खूबसूरत हँसी परी होगी,
सोचता हूँ जो जिंदगी होगी,

सादगी कूटकर भरी होगी,
श्याम जैसी वो साँवरी होगी,

 

ख्वाहिशें क्यूँ भला अधूरी हैं,
मांगने में कहीं कमी होगी,

ख़त्म कर लें विवाद आपस का,
मैं गलत हूँ कि तू सही होगी,

 

मौत ने खा लिया बता देना,

जिस्म में जान जब नही होगी,

शांत चुपचाप दोस्त रहने दो,
सत्य बोलूँगा खलबली होगी....

 

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 688

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय गुरुदेव श्री आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:49pm

आदरणीया राजेश माँ जी आपका आशीष मिला ग़ज़ल पूर्ण हुई आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:48pm

हार्दिक आभार भाई नीरज मिश्र प्रेम जी प्रेम यूँ ही बना रहे भाई

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:45pm

आदरणीया प्राची दीदी ग़ज़ल आपको पसंद आई जानकर प्रसन्नता हुई आपका आशीष मिला मैं धन्य हुआ आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:44pm

वाह वाह आदरणीय गिरिराज सर आपके स्नेह से अभिभूत हूँ स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय संदीप भाई साहब स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 6, 2013 at 10:52pm

सुंदर ग़ज़ल ... बधाई ...हर शेर जम रहा है ..मतले में हँसी को हसीं कर लें ...
सादर 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on December 6, 2013 at 10:38pm

प्रिय अनंत जी शानदार दमदार गजल के लिए बधाइयां गिरिराज भाई की ख़ास गजल आप के लिए
जानदार है

आभार
भ्रमर ५


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 6, 2013 at 9:26pm

छोटी बहर की शानदार जानदार ग़ज़ल के लिए बधाईयाँ, 

ख्वाहिशें क्यूँ भला अधूरी हैं,
मांगने में कहीं कमी होगी,
इस अश'आर पर खासतौर से दाद स्वीकारें...................

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 6, 2013 at 8:26pm
ख्वाहिशें क्यूँ भला अधूरी हैं,
मांगने में कहीं कमी होगी,----लाजबाब शेर ,वैसे पूरी ग़ज़ल ही शानदार है बहुत खूब दाद कबूलें प्रिय अरुन शर्मा  जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service