बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
2122 1212 22
मौत के साथ आशिकी होगी,
अब मुकम्मल ये जिंदगी होगी,
उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,
आज छोड़ेगा दर्द भी दामन,
आज हासिल मुझे ख़ुशी होगी,
नीर नैनों में मत खुदा देना,
सब्र होगा अगर हँसी होगी,
आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी.
(मौलिक व अप्रकाशित)
Comment
मौत के साथ आशिकी होगी,
अब मुकम्मल ये जिंदगी होगी,.........बहुत खूब.
वाह शेर दर शेर सीधे दिल में उतरते चले गये बेहतरीन ग़ज़ल हुई है सर
सादर
नीर नैनों में मत खुदा देना,
सब्र होगा अगर हँसी होगी,
आदरणीय अरुण भाई , पूरी गज़ल लाजवाब है , हर शे र एक से बढ के एक ॥ आपको ढेरों बधाइयाँ ॥
नीरज भाई बहुत बहुत शुक्रिया ग़ज़ल आपको पसंद आई सार्थक हुई
मौत के साथ आशिकी होगी,
अब मुकम्मल ये जिंदगी होगी,
आपकी इन पंक्तियों के लिए कहना चाहूंगा
बिलकुल मौत पर ज़िन्दगी ख़तम नही होती
बल्कि पूरी ही होती है बहुत ही सार्थक बात कही
उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,
उम्र का हर पड़ाव अंतिम ही है न जाने कौन सी
सांस आखिरी हो ऐसा जानकर ही हमे अभिमान रहित
होकर जीना चाहिए बहुत ही सुन्दर
और आपकी पूरी ग़ज़ल बहुत ही खूबसूरत है
बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online