For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"अश्क गजलों से भी तो झरते हैं"

प्यार जिससे भी आप करते है
जिसकी खातिर सदा संवरते हैं

ख़्वाब में सामने भी आये तो
कुछ भी कहने में आप डरते हैं

जितना ज्यादा हैं सोचते उनको
वैसे वैसे ही वो निखरते हैं

इस सियासत के दांव पेंचों में
कितने मासूम हैं जो मरते हैं

आशिकी का यही उसूल रहा,
करती नजरें है आप भरते हैं

आँख रोने को जरूरी तो नही
अश्क गजलों से भी तो झरते हैं

अनुराग सिंह "ऋषी"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 539

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on December 27, 2013 at 10:20am

अच्छा प्रयास है! भाई, बहर का जिक्र कर दिया करें! इस अभिव्यक्ति के लिए बधाई!

Comment by Anurag Singh "rishi" on December 26, 2013 at 12:28pm

परम आदरणीय डॉ. साहब हौसला आफजाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद स्नेहाशीष मिलता रहेगा ऐसी कामना करता हूँ
सादर नमन

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 26, 2013 at 11:15am

बड़ा ही शानदार मक्ता है i ग़ज़ल के लिया बधाई i

Comment by Anurag Singh "rishi" on December 26, 2013 at 9:08am

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ह्रदय से आभार आपका स्नेह बनाये रखें
सादर

Comment by Anurag Singh "rishi" on December 26, 2013 at 9:07am

आदरणीया महिमा श्री जी बहुत बहुत धन्यवाद आपको
सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 26, 2013 at 6:26am

आदरणीय अनुराग भाई  बधाई

आँख रोने को जरूरी तो नही 
अश्क गजलों से भी तो झरते हैं .. बहुत ही बढिया

Comment by MAHIMA SHREE on December 25, 2013 at 9:52pm

आँख रोने को जरूरी तो नही 
अश्क गजलों से भी तो झरते हैं .. बहुत ही बढिया आदरणीय अनुराग जी बधाई आपको ..

Comment by Anurag Singh "rishi" on December 25, 2013 at 9:31pm

आदरणीया कुन्ती मुखर्जी जी बहुत बहुत आभार आपका
सादर

Comment by coontee mukerji on December 25, 2013 at 9:27pm

आँख रोने को जरूरी तो नही
अश्क गजलों से भी तो झरते हैं..........वाह क्या बात है.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service