तीर चलते हैं मगर तरकश नजर नहीं आता
चाहत में निगाहों को सफर नजर नहीं आता
अंजाम जान के भी पलकों में घर बनाते हैं
क्यूँ दिल टूटने का उन्हें हश्र नजर नहीं आता
आसमान को छूने की तमन्ना करने वालो
क्यों ज़मीं पर तुम्हें टूटा पंख नजर नहीं आता
लगा दिया इल्जाम बेवफाई का उनके सर
क्यूँ आँख से गिरा अश्क नजर नहीं आता
जिस तकिये पे मिल कर गुजारी थी रातें
उस भीगे तकिये का दर्द नजर नहीं आता
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
aa.Brijesh Neeraj jee rachna par aapke aatmeey udgaaron ka haardik aabhaar
खूबसूरत रचना है! आपको हार्दिक बधाई!
aa.Saurabh Pandey jee rachna par aapkee snehankit prashansa ka haardik aabhaar...aapke sujhaav ka swagat hai....pryatn kroonga ki aapkee aashaaon ko poora kr skoon...haardik aabhaar
भावप्र्धान रचना हुई है, आदरणीय सुशीलभाई.
आसमान को छूने की तमन्ना करने वालो
क्यों ज़मीं पर तुम्हें टूटा पंख नजर नहीं आता.. वाह !
इस प्रस्तुति को ग़ज़ल का लिहाज़ दें आपके पास खयाल हैं.
शुभ-शुभ
aa.Mahima Shree jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar
तीर चलते हैं मगर तरकश नजर नहीं आता
चाहत में निगाहों को सफर नजर नहीं आता.... बहुत खूब ..आदरणीय सुशील जी बधाई आपको सादर
aa.Jitender Geet jee rachna par aapkee utsaahvardhak pratikriya ka haardik aabhaar
aa.Laxsmen Dhami jee rachna par aapkee oorjawaan pratikriya ka haardik aabhaar
aa.Coontee Mukerji rachna par aapkee hosla afzaaee ka shukriya
aa.Giriraj Bhandari jee aapkee aatmeey prashansa ka haardik aabhaar
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online