For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे : शुभ-नूतन की बाट // -सौरभ

प्रतिपल नव की कल्पना, पल-व्यतीत आधार  
सामासिक दृढ़ भाव ले,  आह्लादित संसार  

सिद्धि प्रदायक वर्ष नव : धर्म-कर्म-शुभ-अर्थ
मंशा कुत्सित दानवी, लब्धसिद्धि हित व्यर्थ

शाश्वत मनस स्वभाव से नूतन नवल स्वरूप
खेल रही मृदु ओस में खिलखिल करती धूप  

आओ मिलजुल तय करें, हमसब निज संसार
स्वीकारें उत्साह पल, जीयें मधुमय प्यार   

आँखें : उम्मीदें तरल, आँखें : कठिन यथार्थ
आँखें : संबल कृष्ण-सी, आँखें : मन से पार्थ

इच्छा आशा औ’ व्यथा, भाव-भावना रूप
फिरभी कुहरे में निकल, पुलक किलकती धूप  
*************

-सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 1056

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:34pm

आदरणीया कुन्तीजी, आपके उत्फुल्ल अनुमोदन ने मेरे रचनाकर्म को मनोनुकूल मान दिया है. मैं आपकी संवेदनशीलता के प्रति हृदय से आभार प्रगट करत होँ.
सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:34pm

भाई आशीषजी, आपको मेरे दोहे सार्थक लगे इसके लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

नादिर भाईजी, आपका विश्वास और मेरे प्रति सम्मान सदा-सदा बना रहे इसके प्रति मैं भरसक आग्रही रहूँगा.

प्रस्तुति को मान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

बहुत-बहुत धन्यवाद भाई शिज्जूजी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

अनुपम दोहों के लिए ,श्रीमन का आभार
अविरल यूँ बहती रहे,अनुपम रसमय धार!!
इस बहुत ही सटीक और मनभावन प्रतिक्रिया दोहा के लिए लिए मैं हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, भाई रामशिरोमणि.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई गणेशजी, रचना प्रस्तुति पर आपसे मिला समर्थन और इन छंद-रचनाओं को मिला अनुमोदन मेरे लिए विशिष्ट है.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई रमेशजी, आपका प्रतिक्रिया छंद मनभावन लगा. मैं इस प्रशंसा को हृदय से स्वीकार करता हूँ.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

बहुत-बहुत धन्यवाद, महिमा श्री. बहुत अच्छा लगा इन दोहों पर आपका उत्फुल्ल समर्थन.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई बृजेशजी, आपने जिस तरह से इस प्रस्तुति को समर्थन दिया है, वह आपकी भावुकता और आत्मीयता का सुन्दर परिचय देता है. इस समर्थन के लिए मेरा हृदय वस्तुतः अभिभूत है.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

आदरणीया कल्पनाजी, आपने इन दोहों को अनुमोदन कर मेरे कहे को मान दिया है. इनकी प्रस्तुति रुचिकर लगी यह सुनकर मुझे भी संतोष हुआ है.
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service