For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरुकुल बहुत याद आता है

गुरुकुल बहुत याद आता है

.

नटखट बचपन छूटा मेरा
गुरुकुल के पावन आँगन मे ,
वो अतीत अब भी पलता है
बंजारे अंजाने मन मे ।
निधि जो गुरुकुल से ले आया, छटा नयी नित बिखराता है
गुरुकुल बहुत याद आता है !
अब भी क्या गुरुकुल प्रांगण मे
गूँजे मंत्रों की प्रतिध्वनियाँ ?
निर्मल हो पावन हो जाए
परम ब्रह्म की सारी दुनिया ।
चन्दन सी खुशबू इस जग मे, पावन गुरुकुल बरसाता है
गुरुकुल बहुत याद आता है ।
जाने क्या अब भी गुरुकुल मे
प्रिय `प्रभात` निकला करता है ?
क्या `मराल` अब भी गुरुकुल का
जन - मन आलोकित करता है ?
रह - रह मन व्याकुल हो जाता, जाने मुझसे क्या नाता है
गुरुकुल बहुत याद आता है ।
--- मौलिक एवं अप्रकाशित ---


( टिप्पणी : मेरा बचपन गुरुकुल महाविद्यालय, बैद्यनाथधाम, देवघर (झारखंड) मे गुजरा। वहाँ सुबह शाम संध्या, हवन, प्रार्थना दैनिक जीवन के अंग हुआ करते थे । गुरुकुल मे क्लास पहली से पाँचवी तथा क्लास छठवी से दसवी तक के विद्यार्थी क्रमशः `प्रभात` तथा `मराल` वार्षिक हस्तलिखित पत्रिका निकाला करते थे । यादें उसी विद्यालय मे गुजरे पलों से जुड़ी हैं। )

Views: 795

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2014 at 2:06pm

जो पृष्ठभूमि हमारी भावभूमि के बल होने और आगे अंकुरित होने तथा पल्लवित-पुष्पित होने का माध्यम हो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन हमारी संस्कृति का ही अंग है.  आपकी प्रस्तुत रचना उसी का एक और पहलू है.

सादर

Comment by S. C. Brahmachari on January 8, 2014 at 9:30pm
गुरुकुल के गतिविधियों की प्रशंसा कर आपने देश की संस्कृति की महिमा का मान बढ़ाया है , आभार !
Comment by MAHIMA SHREE on January 7, 2014 at 8:39pm

बहुत ही सुंदर रचना और गुरुकल के गतिविधियों का वर्णन ..पढ़कर जानकार  बहुत अच्छा  लगा हार्दिक बधाईयाँ सादर

Comment by S. C. Brahmachari on January 7, 2014 at 7:05pm

रचना पर प्रतिक्रिया के लिए आप सभी सम्माननियों का हार्दिक आभार। काश अपने देश के नौनिहाल गुरुकुलीय वातावरण मे पलते बढ़ते तथा संस्कारित होते तो  देश मे वृध्द्धाश्रमो की आवश्यकता नहीं पड़ती ।

Comment by Meena Pathak on January 7, 2014 at 2:03pm

बहुत सुन्दर रचना आदरणीय .. सादर बधाई स्वीकारें 

Comment by Sarita Bhatia on January 7, 2014 at 9:28am

आदरणीय बढ़िया रचना के लिए ढेरों बधाइयाँ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 6, 2014 at 10:40pm

 आ. ब्रह्मचारी जी , अच्छी रचना की हार्दिक बधाई ।

Comment by Saarthi Baidyanath on January 6, 2014 at 10:36pm

बहुत ही मनोहर रचना है ...बचपन में हमें भी खो जाने को आतुर करने वाली सुन्दर रचना....बधाई आदरणीय 

Comment by Abhinav Arun on January 6, 2014 at 7:54pm
आदरणीय श्री ब्रह्मचारी जी , रचना की भावभूमि विचारपरक और सार्थक है , हार्दिक साधुवाद !

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 6, 2014 at 7:37pm

आदरणीय ब्रह्मचारी सर आपने बड़ी खूबसूरती से अपनी यादों को शब्दो में ढाला है बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service