ऐ खुदा मुझ को भी तेरी मेहरबानी चाहिए
इक महकते गुल की जैसी ज़िंदगानी चाहिए
मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए
मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ...
परवरिश बच्चों की करना , फर्ज़ है माँ बाप का
सच की हरदम राह भी उन को दिखानी चाहिए
आज के अखबार का यह कह रहा है राशि फल
आज मुझ को अपनी किस्मत आजमानी चाहिए
मौलिक व अप्रकाशित....
Comment
सभी मित्रो का आभार ....
मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए
:)))))) ज़नाब आपकी दुआ क़ुबूल हो जाय तो मज़ा आ जाए
बहरहाल ग़ज़ल के लिए ढेरो मुबारकबाद
सुन्दर ग़ज़ल हुई है। . हार्दिक बधाई आपको
बहुत खूब भाईजी.
आज के अखबार का यह कह रहा है राशि फल
आज मुझ को अपनी किस्मत आजमानी चाहिए
bahut khubsurart ,badhai
मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ........वाह! बहुत कमाल का शेर
मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ......बहुत खूब.
मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ...
परवरिश बच्चों की करना , फर्ज़ है माँ बाप का
सच की हरदम राह भी उन को दिखानी चाहिए
आदरणीय अजय जी, उम्दा रवानगी लिए हुये शानदार गज़ल के लिए, बहुत बधाई ....
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