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ऐ खुदा मुझ को भी तेरी मेहरबानी चाहिए

ऐ खुदा मुझ को भी तेरी मेहरबानी चाहिए 
इक महकते गुल की जैसी ज़िंदगानी चाहिए 

मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू 
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए 

मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ 
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ...

परवरिश बच्चों की करना , फर्ज़ है माँ बाप का  

सच की हरदम राह भी उन को दिखानी चाहिए 

आज के अखबार का यह कह रहा है राशि फल 

आज मुझ को अपनी किस्मत आजमानी चाहिए 

मौलिक व अप्रकाशित.... 

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 13, 2014 at 1:00pm

//मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए //

अय हय हय - क्या ख्वाहिश की है हुज़ूर। आपके इस जज़बे के सदके आ० अजय अज्ञात जी.  बाकी अशआर भी खूब हुए हैं, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 13, 2014 at 12:42pm

मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू 
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए ..बेहतरीन 

Comment by Meena Pathak on January 13, 2014 at 12:31pm

परवरिश बच्चों की करना , फर्ज़ है माँ बाप का  

सच की हरदम राह भी उन को दिखानी चाहिए ..............बहुत खूब 

Comment by ajay sharma on January 12, 2014 at 10:38pm

मैं समंदर तो नहीं जो उम्र भर ठहरा रहूँ 
एक दरया की तरह मुझ को रवानी चाहिए ...

bahut hi umda sher hua hai ..................

Comment by coontee mukerji on January 12, 2014 at 9:49pm

मुझ को लंबी उम्र की हरगिज नहीं है आरज़ू 
जब तलक है जिंदगी ,मुझको जवानी चाहिए ...क्या बात है.

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