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यक्ष प्रश्न !! ( लघु कथा)

यक्ष प्रश्न 

सास बहू के बिगड़ते सम्बन्धों पर बहुत ही प्रभावशाली जोशपूर्ण भाषण देने के बाद अब राधा देवी मीडिया वालों के सवालों के उत्तर दे रही थी. 
"मैडम ! लोग बेटी और बहू में अंतर क्यों करते हैं?"
"यह लोगों की नादानी ही नहीं बल्कि घोर पाप है। जो लड़की अपना मायका छोड़ कर ससुराल घर आई हो उसको तो सोने मे तौल कर रखना चाहिए।"
"लेकिन मैडम, हम ने सुना है कि आपकी अपनी बहू से नहीं बनती और आपने उसे घर से निकाल दिया है और बेटे को भी नहीं मिलने देती है । "
"नो मोर क्वेश्चन्स प्लीज़।"

अप्रकाशित एवं मौलिक 

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Comment

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Comment by annapurna bajpai on February 20, 2014 at 4:18pm

आपका हार्दिक आभार आ0 लड़ी  वाला जी , आ0 जितेंद्र जी , आ0 शशि जी , आ0 प्रभाकर जी , यों ही अपना स्नेह देते रहिए । 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on February 20, 2014 at 12:14pm

दोहरे चरित्र पर करारा कटाक्ष किया है, लघुकथा सुन्दर हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें आ०  अन्नपूर्णा जी.

Comment by shashi purwar on February 20, 2014 at 9:04am

वाह बहुत खूब आदरणीय अन्नपूर्णा जी , सुन्दर सार्थक  कटाक्ष  है, बनावटीपन आज फिजां में घुला हुआ है , हार्दिक बधाई

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 19, 2014 at 11:38pm

अक्सर यही होता है , हाथी के दांत खाने के ओर दिखाने के......बहुत बढ़िया लघुकथा आदरणीया अन्नपूर्णा जी, बधाई आपको

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 19, 2014 at 6:26pm

बहुत खूब 

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