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ग़ज़ल - आज दिल उनका होने वाला है - इमरान ख़ान

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आज दिल उनका होने वाला है
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बहरे खफीफ मुसद्दस मखबून
फ़ायलातुन मुफाएलुन फालुन
2122 1212 22

होश लगता है खोने वाला है,
आज दिल उनका होने वाला है.

हर ख़ुशी जागने लगी दिल की,
ग़म थका है तो सोने वाला है.

कल जो जारो कतार था मंज़र,
हँस रहा देखो रोने वाला है.

रूह ये धूल से भरी मेरी,
आज आकर वो धोने वाला है.

दिल की बंज़र पड़ी ज़मीनों पर,
बीजे उल्फत वो बोने वाला है.

ये सफ़र हो गया है नूरानी,
अब अँधेरा न होने वाला है.

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 22, 2014 at 10:07pm

इमरान भाई, आपकी ग़ज़ल अच्छी है लेकिन बार-बार मात्रा गिराना तनिक चुभता है.
बधाई स्वीकारें.
 

Comment by इमरान खान on February 26, 2014 at 4:04pm

आपकी दाद के लिए शुक्रिया मोहतरमा राजेश कुमारी साहिबा, आपकी इस्लाह के लिए भी पुरखुलूस शुक्रिया. बिलकुल सही बताया अपने, मैं दोनों शेर इस तरह बदल रहा हूँ.

रूह ये गर्द से भरी मेरी,

आज आकर वो धोने वाला है.

ये सफ़र हो गया है नूरानी,

अब अँधेरा न होने वाला है.

Comment by इमरान खान on February 26, 2014 at 3:57pm

बहुत शुक्रिया जनाब गिरिराज साहब आपका.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 25, 2014 at 6:12pm

आदरनीय इमरान भाई , बहुत उम्दा ग़ज़ल कही है आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 25, 2014 at 5:17pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल लिखी है इमरान खान जी दाद कबूले 

एक इस्स्लाह --गर्द और धूल से भरी मेरी,----इस मिसरे में बात स्पष्ट नहीं दुसरे मिसरे पर निर्भर हो रहा है इसे इस तरह करके देखिये 

रूह जो  गर्द से भरी मेरी ,देख वो आज धोने वाला है या ---

प्यार इक आज धोने वाला है 

ये सफ़र हो गया है नूरानी,
अब न अंधेरा होने वाला है.----अब अँधेरा न होने वाला है 


.

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