For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये न फिर कहना पड़े उम्मीद ही बाकी नहीं- ग़ज़ल

2122/ 2122/ 2122/ 212

उँगलियों पर हो निशाँ आँखों में पर पट्टी नहीं

मुल्क की जम्हूरियत बस इंतिखाबी ही नहीं

 

है यही मौका कि बदलें देश की तक़दीर हम

ये न फिर कहना पड़े उम्मीद ही बाकी नहीं

 

हाल क्या होगा हमारा गर्म होगी जब धरा

होगा आँखों में समंदर पर कहीं पानी नहीं

 

गिर पड़ा वो आखरी पत्ता शजर से टूट के

अब रही कोई बहारों की निशानी भी नहीं

 

सूख जायेगा चमन होगी हवा में आग सी

फूल होगा याद में बस, खुश्बुएँ होंगी नहीं

 

इक भयानक ख़्वाब था वो ख़्वाब ही हो ऐ खुदा

सच है कुदरत से लड़ें हम अपनी ये हस्ती नहीं

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 2, 2014 at 7:19am

आदरणीय सौरभ सर आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 2, 2014 at 1:38am

है यही मौका कि बदलें देश की तक़दीर हम

ये न फिर कहना पड़े उम्मीद ही बाकी नहीं

 

गिर पड़ा वो आखरी पत्ता शजर से टूट के

अब रही कोई बहारों की निशानी भी नहीं

भाई शिज्जूजी, कमाल कमाल कमाल !!! .. .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 30, 2014 at 7:55pm

आदरणीया डॉ प्राची जी आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 30, 2014 at 6:48pm

है यही मौका कि बदलें देश की तक़दीर हम

ये न फिर कहना पड़े उम्मीद ही बाकी नहीं........................बहुत खूब! लाजवाब 

 

हाल क्या होगा हमारा गर्म होगी जब धरा

होगा आँखों में समंदर पर कहीं पानी नहीं.....................बहुत सुन्दर 

बेहद बढ़िया ग़ज़ल कही है आ० शिज्जू शकूर जी 

बहुत बहुत बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 28, 2014 at 1:46pm

आदरणीया सविता जी आपका हार्दिक आभार

Comment by savitamishra on April 28, 2014 at 12:57pm

बहुत सुन्दर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 28, 2014 at 12:07pm

आदरणीय विजय निकोर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने रचना को सराहा


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 28, 2014 at 12:06pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई रचना की विस्तृत सराहना के लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया

Comment by vijay nikore on April 28, 2014 at 11:03am

बहुत ही सुन्दर गज़ल के लिए बधाई।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 28, 2014 at 10:38am

हाल क्या होगा हमारा गर्म होगी जब धरा

होगा आँखों में समंदर पर कहीं पानी नहीं......................बहुत सुंदर

 

गिर पड़ा वो आखरी पत्ता शजर से टूट के

अब रही कोई बहारों की निशानी भी नहीं...................वाह! क्या बात कही है

 

सूख जायेगा चमन होगी हवा में आग सी

फूल होगा याद में बस, खुश्बुएँ होंगी नहीं..............यह अश आर दिल को छू गया

बेहद खुबसूरत गजल आदरणीय शिज्जू जी, तहे दिल से मुबारकबाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service