बह्र : 1222/1222/1222/1222
तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा
मेरे जीवन में खुशियों का तो फिर बादल नहीं होगा
यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में
ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा
तुम्हें कुछ दे न पाऊंगा मगर धोखा नहीं दूंगा
मेरी सोहबत में आ जाओ यहां पर छल नहीं होगा
कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं
सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा
तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा
तू मेरा दोस्त है लेकिन बताकर फायदा क्या है
मुहब्बत का ये मसला है ये तुझसे हल नहीं होगा
मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो
जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा
-शकील जमशेदपुरी
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*मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
वाह एक से बढ़कर एक अशआर
तू मेरा दोस्त है लेकिन बताकर फायदा क्या है
मुहब्बत का ये मसला है ये तुझसे हल नहीं होगा .......
बहुत खुबसूरत गजल कही आदरणीय शकील साहब
तू मेरा दोस्त है लेकिन बताकर फायदा क्या है
मुहब्बत का ये मसला है ये तुझसे हल नहीं होगा ............ बहुत खूब, दिली बधाइयाँ स्वीकारें
तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा sandar badhai
Anita Maurya जी बहुत-बहुत आभार।
शुक्रिया laxman dhami जी इस हौसला अफजाई के लिए।
आदरणीय शकील जी
खूबसूरत ग़ज़ल पर ढेरों दाद
शुक्रिया आदरणीया coontee mukerji जी। स्नेह बनाए रखें।
Bahut khubsurat Gazal..
तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा
मेरे जीवन में खुशियों का तो फिर बादल नहीं होगा....क्या गजब की सचाई है
तुम्हें कुछ दे न पाऊंगा मगर धोखा नहीं दूंगा
मेरी सोहबत में आ जाओ यहां पर छल नहीं होगा ................बहुत खूब
तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा ...... क्या खूब दुधारी तलवार चलाई है
कोटि कोटि बधाई स्वीकारे आदरणीय भाई शकील जमशेदपूरी जी .
कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं
सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा.....बहुत खूब....दाद कूबूल करें.सादर.
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