For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विरह तुम्हारा सह न पाऊंकैसे मै मन को समझाऊ

तुमसे ही मै जीवन पाऊंतुमबिन न स्वागत कर पाऊं

बिछे ह्रदय में पलक-पाँवड़े,मेंह बाबा मै तुम्हे रिझाऊं 

ताल तलैया जग के सूखे,स्वर्ग लोक से तुम्हे बुलाऊं |

कमी रही क्या स्वागत मेंजो तुम इतने रूठ रहे हो

कहर ढा दिया उत्तरा-खंड में,ऐसे निष्ठुर बन बैठे हो ?

जलबिन तड़फे जग के प्राणीबोलो उनको कौन बचाए

बरसो धूम धडाके से अबस्वागत को सब आतुर पाए |

मना मना का थक बैठे अबक्या खता जो सजा दिलाए

तुम बरसो तो ठंडक पाएवरना प्रचण्ड धूप से जल जाए

स्वर्गलोक के राजा तुम तो,जग को भी तुमसे ही आशाए

बरसो अब तो जल्दी आकरस्वागत करे अगर आ जाएं |

(स्वरचित व अप्रकाशित)

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 10, 2014 at 7:29pm

आपकी टिपण्णी से सदैव ही उत्साह बढ़ता है | आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री सौरभ भाई जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 10, 2014 at 7:28pm

 आपकी टिपण्णी से रचना से खुबसूरत होने का  अहसास कराने के लिए आपका हार्दिक आभार भाई विशाल चर्चित जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 10, 2014 at 12:08am

मेंह बाबा की प्रतीक्षा मनोहारी है.. आदरणीय .. :-)))

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 9, 2014 at 8:55am

रचना पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार श्री विजय निकोरे जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 9, 2014 at 8:54am

जी आदरणीया राजेश कुमारी जी, प्रार्थना में विश्वास निहित होता है तो सुनवाई की आशा भी | रचना सराहने के लिए आपका 

हार्दिक आभार 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 9, 2014 at 8:52am

रचना पसंद करने के लिए आपका आभार श्री (डॉ) आशुतोष मिश्रा जी 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on June 8, 2014 at 10:59pm

विकराल गर्मी पर पुरवाई सा एह्सास देती खूबसूरत रचना !!!

Comment by vijay nikore on June 8, 2014 at 10:39am

रचना के भाव अच्छे लगे। आपको बधाई , आदरणीय।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 7, 2014 at 9:18pm

मेह बाबा की स्तुति  बहुत सुन्दर लगी ,थोड़े दिन में जरूर सुनेंगे हम भी प्रार्थना कर रहे हैं .बहुत- बहुत बधाई आ०  लक्ष्मण जी. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 7, 2014 at 6:13pm

बहुत समय बाद आपकी सुझाव सहित टिपण्णी पढ़कर ख़ुशी हुई | प्रयास रत रहूंगा | हार्दिक आभार डॉ प्राची बहिन जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
9 minutes ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
4 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"है सियासत की ये फ़ितरत जो कहीं हादसा हो उसको जनता के नहीं सामने आने देना सदर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय पंकज जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया सज्ञान लेने के लिए कोशिश करती हूं समझने की जॉन साहब को भी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service