मेरे बच्चे !!
खुश रहो तुम हरदम
न आये जीवन में तुम्हारे कोई गम
हो माँ शारदे की अनुकम्पा
भरपूर हो स्वास्थ, संपदा,
पर मेरे बच्चे, याद रखना हमेशा
जीवन में एक अच्छा इंसान बनना
साथ तुम्हारे चले जो जीवन पथ पर
करना उसका भी आदर
बहे न कभी तुम्हारे कारण
उसकी आँख का काजल,
करना न तुम कभी प्रकृति का दोहन
लेना उससे उतना ही जितनी हो जरुरत
अंत में है मेरा आशीर्वाद !
घर-परिवार, समाज, राष्ट्र
हर जगह हो तुम्हारा ऊँचा नाम
मेरे लाल !!
बढ़ते हुए निरंतर आगे
भूल न जाना तुम ये बात,
पुराने वाले घर में
रहती है तुम्हारी माँ !!
(आज बेटे के जन्मदिवस पर कुछ पंक्तियाँ.. दिल से )
मीना पाठक
मौलिक/अप्रकाशित
Comment
आदरणीय मीणा बहन इस रचना को पढ़ अनायास नयन गीले हो गए .माँ आखिर माँ होती है l दुनियाभर के दुःख सहकर भी अपने बच्चों को सुखी रखना उसके लिए जैसे जीवन मरण का प्रश्न होता है l माँ के त्याग का मोल हमें कई बार उसके न होने पर ही पता चलता है l आपकी इस मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई साथ ही बेटे को ढेरों शुभकामनायें l
मीना जी
मेरी माँ मुझे बचपनमे ही छोड़कर चली गई थी i यहाँ तक कि मुझे उनका चेहरा याद नहीं i अब तो मै भी वृद्ध हूँ i पर आपकी कविता ने मुझे रुला दिया i आपका आशिर्वाद फलीभूत हो i सचमुच प्राथमिक संस्कार माँ ही देती है i आप एक गरिमामयी माँ है i आमीन i
प्रिय जीतेंद्र ..बहुत बहुत आभार | सस्नेह
आदरणीय नरेंद्र जी बहुत बहुत आभार | सादर
आदरणीया प्राची जी हम माएँ अपने बच्चों से बस् इतना ही तो मांगती हैं ना कि वो कभी भी अपनी माँ को न भूले बस्स ..इतना ही :-)
रचना का भाव आप के दिल तक पहुंचा.. लिखना सफल हुआ , बहुत बहुत आभार स्वीकारें | सादर
मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति आदरणीया मीना जी
बच्चे के लिए सारी दुआएं...सारी खुशियों की कामना
और सिर्फ एक चाहना कि उसे याद रहे उसकी माँ ......बहुत संवेदनशील प्रस्तुति
अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई आदरणीया
इस सुंदर सकारात्मक कामना पर आपको बहुत बहुत बधाई व् शुबकामनाएं आदरणीया मीना दीदी
बहुत बहुत आभार स्वीकारें आदरणीय अभिनव जी | सादर
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