कायर हैं वे लोग यहाँ
नारी को आँख दिखाते हैं
कमतर कमजोर हैं वे नर भी
नारी को ढाल बनाते हैं
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कौरव रावण इतिहास बहुत से
अधम नीच नर बदला लेते
अपनी मूंछे ऊंची रखने को
नारी का बलि चढ़ा दिए
अंजाम सदा वे धूल फांक
मुंह छिपा नरक में वास किये
मानव -दानव का फर्क मिटा
मानवता को बदनाम किये
नाली के कीड़े तुच्छ सदा
खुद को भी फांसी टांग लिए
नारी रोती है विलख आज
क्या पल थे ऐसे पूत जने
कायर हैं वे लोग यहाँ
नारी को आँख दिखाते हैं
कमतर कमजोर हैं वे नर भी
नारी को ढाल बनाते हैं
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इन अधम नीच नर से अच्छे
चौपाये जंगल राज भला
हैं वीर बहुत खुद लड़ लेते
मादा को रखें सुरक्षित सा
उनके नैनों में झाँक-झाँक
वे क्रीड़ा-प्रेम बहुत करते
शावक-शिशु मादा सभी निशा
हरियाली-खुश विचरा करते
दिन में असुरक्षित माँ -बहनें -
अपनी- कहते रोना आता
कायर हैं वे लोग यहाँ
नारी को आँख दिखाते हैं
कमतर कमजोर हैं वे नर भी
नारी को ढाल बनाते हैं
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नारी -देवी-लक्ष्मी अपनी
संकोच शील की छवि न्यारी
बिन नारी भवन खंडहर हैं
मंदिर सूना -ना-प्रेम -पुजारी
तितली -बदली-चन्दा -गुलाब
हैं जेठ दुपहरी शीतल छाया
चन्दन-खुशबू-कुंकुम -पराग
मधु-मधुर बहुत अनुपम-माया
है यही मोहिनी सृष्टि यही
जन पूत उसी से मिटती भी
शीतल गंगा जग सींच रही
ना हो ऐसा वो उबल पड़े
पालन पोषण दुग्धामृत सब
जीवन अपना सब हाथ लिए
इस सृष्टि का मत कर विनाश
देखो कल हों कंकाल पड़े
नारी दुर्गा -काली -चण्डी
है रौद्र रूप बच के रहना
दया स्नेह संस्कार मूर्ति
हिय भरे नेह गर बच रहना
कायर हैं वे लोग यहाँ
नारी को आँख दिखाते हैं
कमतर कमजोर हैं वे नर भी
नारी को ढाल बनाते हैं
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"मौलिक व अप्रकाशित"
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर ५ '
कुल्लू हिमाचल
भारत
7.30 A.M. -8.15 P.M.
13.06.2014
Comment
बहुत सुन्दर सार्थक सन्देश दे रही है आपकी ये प्रस्तुति ,भ्रमर जी बहुत- बहुत बधाई इस शानदार अभिव्यक्ति पर
बढ़िया है आदरणीय भ्रमर सर आपको बहुत -२ बधाई प्रेषित है सादर
बहुत खुबसूरत लिखा आपने नमन .........
ऐसे ही पढ़ मन में अ गया ....
नारी क्यों ढाल बनी
उसे तो भाल बनाना चाहिए
पुरुषो की अहमी सोच को
हमेशा किनारे रखना चाहिए
नर दिखाए तेवर तो
नहीं निराश होना चाहिए
दुर्गा चंडी नारी का ही रूप है
उसे यह अहसास होना चाहिए
कदम से कदम मिला चल रही
दंभ नहीं स्वयं पर गर्व होना चाहिए
दरिंदो के मन में खौफ पैदा हो
ऐसा आत्मविश्वास होना चाहिए| सविता
आदरणीय डॉ गोपाल जी बहुत सुन्दर कहा आप ने नारी का ढाल बनना चाहिए न की बनाना चाहिए कायरता अब तो चरम पर है आभार आप से समर्थन मिला
भ्रमर ५
त्रुटि होगई है - अपितु नारी का ढाल बनना चाहिये i अस्तु i
भ्रमर जी
सरासर सहमत हूँ कि नारी को ढाल नहीं बनाना चाहिए अपितु नारी का ढाल बनाना चाहिए i दिनकर जी नेकहा है -
राधेय जरा हंसकर बोला रे कुटिल बात क्या कहता है ?
नर की जय का समस्त साधन उसकी बाँहों में रहता है i
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