For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ
मान भरे ममता का आँचल
तो पिता
सर पर नीलाभ आसमान है
दोनों का स्नेह एक सामान है.
माँ
बच्चों के दर्द से बिलबिला जाती है
तो पिता की चिंता
दर्द की दवा बन जाती है.
माँ कोमलता से भरी है
तो पिता के परुष से
विपत्तियाँ भी डरी है.
बच्चों के लिए
दोनों का स्नेह ही
वेदना -निग्रही है.

डॉ.विजय प्रकाश शर्मा
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 969

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 25, 2014 at 3:54pm

आ० प्राची सिंह जी,
हमारी संस्कृति में ऐसा बराबरी का प्रचलन हमेशा रहा है-यथा:सीता-राम,राधा-कृष्णा,गुरू--शिष्यऔर माता-पिता भी.
आप ने सराहा,अच्छा लगा,धन्यवाद सह आभार.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 25, 2014 at 3:44pm

पिता और माँ दोनों की ही चेतना के आवरण में बच्चे का जीवन पनपता है..दोनों की अपनी विशिष्टताएं है..ऊर्जस्विता है 

उन्हें अभिव्यक्त करती ईस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकारिये आदरणीय विजय प्रकाश शर्मा जी 

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 19, 2014 at 9:56am

धन्यवाद रमेश जी.

Comment by रमेश कुमार चौहान on June 18, 2014 at 9:55pm

बच्चों के लिये मां बाप दोनो की महत्ता को निरूपित करते इस रचना के लिये बधाई

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 18, 2014 at 11:03am

आभार जीतेन्द्र जी

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 18, 2014 at 10:40am

सच! बच्चों में जीवन के अनुभव व् संघर्ष के लिए माता-पिता दोनों का होना बहुत जरुरी है. बहुत बहुत बधाई आदरणीय विजय जी

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 17, 2014 at 10:26pm

उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद डॉ.विजय शंकर जी.

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 17, 2014 at 8:45pm
बहुत सुन्दर ,
" माँ कोमलता से भरी है
तो पिता के पौरुष से
विपत्तियाँ भी डरी है."
बधाई.
सादर.
Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 17, 2014 at 5:57pm

डॉ गोपाल नारायन जी,
रचना के भावो से आपकी सहमति के लिए धन्यवाद.
आपके आशीष से ऊर्जा मिलती है.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 17, 2014 at 1:11pm

विजय जी

सचमुच पिता भीकुछ कम उत्सर्ग नहीं करता i

सतांन  के लिए दोनों ही वेदना निग्रह रस है i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service