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आदरनीय विजय शंकर भाई , सच मे यही तो हो रहा है , इसीलिये आज भी दोनो बदस्तूर ज़िन्दा हैं , समस्या भी और समाधान भी ॥ आपको हार्दिक बधाई इस रचना के लिये ॥
समस्या को अभयदान मिल गया ,
समाधान कूड़ेदान में गया .
वहां से उबरे तो मुखातिब हुए
उन्होंने समझाया , देखो निदान है .
समस्या का तो नहीं, कोई समाधान है .
हम समस्या में समाधान ढूंढ़ेंगें ,
समस्या भी रहेगी , समाधान भी रहेगा .
लोग मिलते जुलते रहेंगें आपस में ,
सब काम होता रहेगा.
सब काम होता रहेगा.-----आज की कार्य प्रणाली पर जबरदस्त कटाक्ष ,सामयिक प्रस्तुति ,बधाई आपको
प्रिय भाई
आपने सही कहा समस्या भी रहेगी और समाधान भी रहेगा i दोनों के को - आरडीनेसन से ----जय हो i
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