‘महिला उत्थान’ मुद्दे पर संगोष्ठी से घर लौटते ही कुमुद से उसके पति ने कहा... “अभी थोड़ी देर पहले ही दीपा आई थी मिठाई लेकर वो बहुत अच्छे नम्बरों से पास हुई है कंप्यूटर कोर्स तो उसका पूरा हो ही गया था,तुम्हारी प्रेरणा और मार्ग दर्शन से कितना कुछ कर लिया इस लड़की ने हमारे घर में काम करते-करते.... अब सोचता हूँ अपने ऑफिस में एक वेकेंसी निकली है इसको रखवा दूँ “
कुमुद कुछ सोच कर बोली”अजी इतनी भी क्या जल्दी, वैसे भी सोचो इतनी अच्छी काम वाली फिर कहाँ मिलेगी, फिर तो ये काम करेगी नहीं”!!!
(मौलिक एवं अप्रकाशित )
Comment
आ० अखिलेश जी,लघु कथा आपको पसंद आई हार्दिक आभार आपका |
आदरणीया राजेश जी
दांत दिखाने के और हैं, खाने के कछु और । समाज में ऐसे दोहरे चरित्र वालों की भरमार है । इन्हें समझना भी मुश्किल है।
लघु कथा की हार्दिक बधाई
आ० लक्ष्मण प्रसाद जी ,आपको लघुकथा प्रभावशाली लगी मेरा लिखना सार्थक हुआ ,हार्दिक आभार आपका |
महिला उत्थान की चर्चा ज्यादा और अमल का होते देखा गया है | स्वार्थ वश महिलाए ही महिला उत्थान में बाधा बन रही है
इसी धारणा को पुष्ट करती सुन्दर लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई आद. राजेश कुमारी जी
लक्ष्मण धामी भैया ,लघुकथा आपका अनुमोदन पाकर सार्थक हुई दिल से आभार आपका |
आ0 राजेश बहन व्यक्ति के मनोविज्ञान को उजागर करती इस बेहतरीन लघुकथा के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई ।
आ० गिरिराज भंडारी जी ,लघु कथा आपको प्रभावपूर्ण लगी मेरा लिखना सार्थक हुआ आपका दिल से आभार |
आदरणीया राजेश जी , दुनिया ऐसी ही है , जब तक खुद को नुक्सान न हो दूसरों की सोच पाती है , जहाँ अपने पर बात आये मुँह मोड़ लेती है ! सुन्दर लघुकथा के लिये आपको बधाइयाँ ॥
आ० सौरभ जी ,लघु कथा पर आपका अनुमोदन मिला मेरा लिखना सार्थक हुआ आपका हृदय तल से आभार |
दोमुँहे चरित्र को कितनी सुन्दरता से शब्द दिये हैं आपने, आदरणीया राजेशजी.
लघुकथा समाज के उस वर्ग की खबर लेती है, जिस वर्ग ने शोषण और प्रताड़नाओं पर भावनाओं का मुलम्मा चढ़ा, इसे सामाजिक व्यवहार बना रखा है.
हृदय से बधाई.. .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online