For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'मैया नैहर ना बिसराये'

अबहूँ न वीरा मोरे आये,
सावन सगरा बीता जाये,
बेकल मन में याद सताये,
मैया नैहर ना बिसराये।

मैया हमारी बाँट जोहती,
बहना छोटी झर झर रोती,
बाबुल मन माही घबराये,
मैया ...


भावज के संग हँसी ठिठोली,
झूला झूलती सखियाँ भोली,
वो ही अल्हड़ से दिन भाये।
मैया....

सीने में मैया के सिमटना,
भैया से जिद कर के लड़ना,
नैना नेहा से भर आये
मैया....

बाबुल की अँखियों से बरसता,
प्यार उसी को मनवा तरसता,
पियाजी हमका हैं समझाये।
मैया नैहर ना बिसराये।
सीमा हरि शर्मा 10.8.2014
मैलिक एवं अप्रकाशित

Views: 484

Comments are closed for this blog post

Comment by seemahari sharma on August 13, 2014 at 11:04pm
बहुत आभार आपका ram shiromani pathak जी।
Comment by seemahari sharma on August 13, 2014 at 10:58pm
बहुत आभार आपका जितेन्द्र'गीत'आपने रचना को सराहा।
Comment by ram shiromani pathak on August 12, 2014 at 1:44pm

सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 12, 2014 at 9:48am

बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना,बधाई आपको आदरणीया सीमाहरी जी

Comment by seemahari sharma on August 11, 2014 at 12:58pm
आभार डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आपकी प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ सादर।
Comment by seemahari sharma on August 11, 2014 at 12:55pm
आभार Rajesh Kumaari जी आपकी प्रतिक्रिया से प्रोत्साहन मिला है।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 10, 2014 at 5:58pm

सीमाजी

बचपन की बहुत सी यादे  ताजा करती आपकी मृदु रचना ने मन मोह लिया i  अब तो परिदृश्य ही बदल गया है i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 10, 2014 at 5:16pm

सुन्दर भावपूर्ण गीत सीमा जी ,बहुत बहुत बधाई 

Comment by seemahari sharma on August 10, 2014 at 4:57pm
बहुत आभार आपका kalpna mishra bajpai जी।आपने भी क्या खूब लिखा है।सारी दुनियाँ ही भरमजाल है।
Comment by kalpna mishra bajpai on August 10, 2014 at 1:01pm

सावन बीत गया  मुझे ससुराल में, भैया भूले भरमजाल  में//////////////बहुत सुंदर गीत बधाई आप को /सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
21 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
21 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
21 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
22 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service