For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आकाश में उड़ने की चाह लिये
कल्पना रूपी पंखों को फैलाने की कोशिश करता हूँ
पर
अक्सर नाकाम होता हूँ
उस ऊँची उड़ान में,
फिर भी आस लगाये रहता हूँ
कि कभी तो वो पर निकलेंगे
जो मुझे ले जायेंगे
मेरे लक्ष्य की ओर,
और अनवरत ही
बढता जाता हूँ
अथक प्रयास करते हुए
सुनहरे ख्वाब की ओर अग्रसर करने वाले पथ पर।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 447

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pawan Kumar on August 21, 2014 at 2:51pm

आदरणीय  सौरभ पाण्डेय  जी आपका आशीर्वाद मिला,  प्रशंसा के लिए ह्रदय से आभार|


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 17, 2014 at 5:11pm

अवश्य प्रयासरत रहें भाई पवनकुमारजी.

प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई.

Comment by Pawan Kumar on August 14, 2014 at 5:28pm

आदरणीय भईया राम शिरोमणि पाठक"दीपक", उत्साह वर्धन व प्रशंसा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Pawan Kumar on August 14, 2014 at 5:24pm

आदरणीया Dr.Prachi Singh जी आपका आशीर्वाद मिला, उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Pawan Kumar on August 14, 2014 at 5:11pm

आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आपका आशीर्वाद मिला, आपने मेरी प्रथम कोशिश को सराहा, मन आल्हादित हुआ, आपकी प्रशंसा के लिए ह्रदय से आभार|

Comment by ram shiromani pathak on August 14, 2014 at 12:39pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति भाई पवन जी...........  प्रयासरत रहें शुभ शुभ 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 14, 2014 at 8:11am

कल्पनाएँ ....संकल्प में ढल जाएं और हौसलों के पंख हों तो पंछी लम्बी उड़ान  अवश्य ही लेता है

प्रस्तुत कविता की सकारात्मक ऊर्जस्विता के लिए हार्दिक बधाई आ० पवन कुमार जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 13, 2014 at 8:53pm

कोशिशे अवश्य कामयाब होती है मित्र  i मै  इस कविता को आपकी रचना की कोशिश केरूप में देखता हूँ  iआपकी कोशिश अच्छी  है i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। आ. नीलेश भाई ने अच्छा मार्गदर्शन किया है। इससे यह…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यूँ तो पूरी गजल ही लाजवाब हुई है पर ये दो शेर पर अतिरिक्त बधाई…"
6 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी नमस्कार बहुत खूब ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई स्वीकार करें सभी शैर बहुत अच्छे…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, ग़ज़ल पर अपकी टिप्पणी के लिए आभार पर कुछ विस्तार से मार्ग दर्शन करते तो अच्छा…"
6 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता 'अजेय' जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका अपने समय दिया कुछ त्रुटियों की…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल का बहुत अच्छा प्रयास है। तीन शेर 4,5, व 6 तो बहुत अच्छे लगे। बधाई…"
6 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं में कुछ ग़ल़त नहीं है। हुआ अपने आप में पूर्ण शब्द…"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी टिप्पणी के अनुसार काफिया में कोई कमी हे तो स्पष्ट समझायें। कुछ उदाहरण…"
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"तौर-ए-इमदाद ये भला तो नहीं  शहर भर में अब इतना गा तो नहीं     मर्ज़ क्या है समझ…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का मतला भरपूर हुआ है। अन्य शेर आयोजन के बाद संवारे जाने की मांग कर रहे…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ दयाराम मैठानी जी। आपके द्वारा इंगित मिसरा ऐसे ही बोला जाता है अतः मैं इसे यथावत रख रहा…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. अजय जी"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service