For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आओ हिन्दी पढें-पढायें हम..

मिलके हिन्दी के गीत गायें हम....

जैसा लिखते हैं वैसा उच्चारण,

इसलिये हिन्दी को करें धारण

विश्व को आओ सच बतायें हम..

मिलके हिन्दी के गीत गायें हम.....

सभ्यता लिप्त हिन्दी भाषा में

एक इतिहास जिसकी गाथा में 

अपनी गाथायें मत भुलायें हम...

आओ हिन्दी पढें-पढायें हम.....

संस्कृत रक्त में समायी है

देव भाषा वही बनायी है

अपने सम्मान को बढायें हम..

आओ हिन्दी पढें पढायें हम....

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 615

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 6, 2014 at 10:00pm

 Sulabh Agnihotri,  सुलभ जी , आपका बहुत बहुत आभार

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 6, 2014 at 9:59pm

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव,  जी आपका प्रेम, मुझे, मिला बहुत  बहुत धन्यवाद ।

हम हिन्दी से प्यार करें इसका प्रचार-प्रसार करें  हिन्दी की अशुद्धियों को दूर करें व हिन्दी की विशेषताओं को जनता ,जनसाधारँ के सामने रखें।

Comment by Sulabh Agnihotri on September 6, 2014 at 5:41pm

बहुत सुन्दर है सूबे सुजान सिंह जी !
इसी अलख को जगाये रहें।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 4, 2014 at 10:58pm

आदरणीय सूबे सिंहजी, 

हिंदी की सुंदर महिमा गाई

कम शब्दों में की है बड़ाई 

हिंदी मास में अलख जगाई

हस्ताक्षर हिंदी में हो भाई 

स्वीकार कीजिए मेरी बधाई 

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 4, 2014 at 9:41pm

 गिरिराज भंडारी,  धन्यवाद...........हिन्दी हमारी मात्र भाषा है हम हिन्दी से बहुत प्यार करते हैं।

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 4, 2014 at 9:39pm

harivallabh sharma, जी बहुत , शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 4, 2014 at 5:22pm

हिन्दी के पति आपके भाव बहुत अच्छे लगे , आदरणीय बधाइयाँ |

Comment by harivallabh sharma on September 4, 2014 at 1:29pm

अति सुन्दर रचना ..बधाई आपको.

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 3, 2014 at 10:08pm

मित्रों, मेरे विचार से अब समय आ गया है हमें हिन्दी की विशिष्टताओं को बताना चाहिये न कि सदा यही रोते रहें कि- हमने हिन्दी को दासी बनाया है। सकारात्मकता से जनता को हिन्दी की तरफ रूझान करना है । जो साहित्यकारों का ही कर्त्व्य है।

Comment by सूबे सिंह सुजान on September 3, 2014 at 10:04pm

narendrasinh chauhan , बहुत आभार आदरणीय...

आपका धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
2 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
3 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service