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आदरणीय जितेन्द्र 'गीत जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार
सच, ओर कोई नहीं
सिर्फ, तुम ही तुम हो......बेहद सुंदर. बहुत दिनों के पश्चात् आपकी रचना पढने को मिली, बधाई स्वीकारें आदरणीय शुशील जी
आदरणीया मीणा पाठक जी रचना पर आपकी आत्मीय मधुर प्रशंसा ने उसका जो मान बढ़ाया है उसके लिए आपका हार्दिक आभार
आदरणीय सोमेश कुमार जी रचना पर आत्मीय प्रशंसा से उसका मान बढ़ाने का हार्दिक आभार
आदरणीया राजेश कुमारी जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार
आदरणीय नरेंद्र सिंह चौहान जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार
बहुत सुन्दर भाव ...बधाई आदरणीय सुशील जी | सादर
सच ,कोई नहीं,सिर्फ तुम ही तुम हो \
समर्पण की सम्पूर्णता
मन के कोमल एहसासों को खूब शब्द दिए आपने ,बधाई आपको
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