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इंतज़ार रहता है …..

हुस्न को दर्पण का ...
प्रीत को समर्पण का ..
विरह को क्रंदन का ....
इंतज़ार रहता है//

भोर को अभिनन्दन का ...
बाहों को बंधन का ...
भाल को चन्दन का ...
इंतज़ार रहता है//

धड़कन को चाहत का ...
यौवन को आहट का ...
घायल को राहत का ...
इंतज़ार रहता है//.

तिमिर को प्रात का ...
वृद्ध को साथ का...
चाँद को रात का ...
इंतज़ार रहता है//

आस को विशवास का ...
पुष्प को मधुमास का ...
चकोर को प्यास का ...
इंतज़ार रहता है//

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Sushil Sarna on October 16, 2014 at 11:01am

आदरणीय  जितेन्द्र 'गीत'जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।  त्योहारी व्यस्तता के चलते आभार व्यक्त करने में विलम्ब हुआ, क्षमा प्रार्थी हूँ।  कृपया स्नेह बनाये रखें।  

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 13, 2014 at 11:11pm

बहुत ही सुंदर. बधाई आदरणीय शुशील जी

Comment by Sushil Sarna on October 13, 2014 at 4:53pm

 आदरणीय   Vijay Prakash Sharma जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया  का हार्दिक आभार 

Comment by Sushil Sarna on October 13, 2014 at 4:52pm

आदरणीय  somesh kumar जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया  का हार्दिक आभार 

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 13, 2014 at 2:04pm

इस सुन्दर रचना पर बहुत बधाई आ ० सुशील शरण जी
पाठक को आपके द्वारा सृजित रचना का इन्तेजार रहता है.

Comment by somesh kumar on October 12, 2014 at 6:15pm

इंतजार रहता है हमे उसके लब खुलने का 

इंतज़ार रहता है हमे उससे रोज़ मिलने का 

इन्तजार एक चाहत है इंतजार एक बेकरारी है 

करते-करते इंतज़ार जाती जान हमारी है 

अच्छी रचना 

कृपया ध्यान दे...

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