हुस्न को दर्पण का ...
प्रीत को समर्पण का ..
विरह को क्रंदन का ....
इंतज़ार रहता है//
भोर को अभिनन्दन का ...
बाहों को बंधन का ...
भाल को चन्दन का ...
इंतज़ार रहता है//
धड़कन को चाहत का ...
यौवन को आहट का ...
घायल को राहत का ...
इंतज़ार रहता है//.
तिमिर को प्रात का ...
वृद्ध को साथ का...
चाँद को रात का ...
इंतज़ार रहता है//
आस को विशवास का ...
पुष्प को मधुमास का ...
चकोर को प्यास का ...
इंतज़ार रहता है//
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय जितेन्द्र 'गीत'जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार। त्योहारी व्यस्तता के चलते आभार व्यक्त करने में विलम्ब हुआ, क्षमा प्रार्थी हूँ। कृपया स्नेह बनाये रखें।
बहुत ही सुंदर. बधाई आदरणीय शुशील जी
आदरणीय Vijay Prakash Sharma जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार
आदरणीय somesh kumar जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार
इस सुन्दर रचना पर बहुत बधाई आ ० सुशील शरण जी
पाठक को आपके द्वारा सृजित रचना का इन्तेजार रहता है.
इंतजार रहता है हमे उसके लब खुलने का
इंतज़ार रहता है हमे उससे रोज़ मिलने का
इन्तजार एक चाहत है इंतजार एक बेकरारी है
करते-करते इंतज़ार जाती जान हमारी है
अच्छी रचना
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