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लघुकथा : श्रेष्ठ कौन ? (गणेश जी बागी)

                     पीतल और ऐलुमिनियम के बर्तनों में वर्चस्व की लड़ाई होने लगी, आखिर तय हुआ कि चाँदी महाराज से निर्णय करवाया जाये कि कौन श्रेष्ठ है । पीतल ने कहा कि उसके बर्तनों में देवों को भोग लगाया जाता है, कुलीनजनों के पास उसका स्थान है जबकि ऐलुमिनियम के बर्तनों में झुग्गी-झोपड़ी के लोग खाते हैं और तो और इसका कटोरा भिखमंगे लेकर घूमते रहते हैं । 
                    ऐलुमिनियम अपने पक्ष में कोई विशेष दलील नहीं दे सका I चाँदी महाराज ने अपने निर्णय में कहा कि पीतल भरे हुए को भरता है जबकि ऐलुमिनियम भूखे को खिलाता है, अत: भूखे को खिलाने वाला हीसदैव श्रेष्ठ होता है ।  
                    यह निर्णय सुनकर एक कोने में पड़ी 'पत्तल' मुस्कुरा उठी ।

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट => लघुकथा : दृष्टिकोण

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 12, 2015 at 1:37am

निर्णय तक पाठक लघुकथा के साथ साथ बहता है किन्तु अचानक पत्तल का मुस्कुराना... कमाल है ... सफल लघुकथा 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:37pm

सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीया छाया शुक्ला जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:37pm

आदरणीय मोहिंदर जी, प्रसंशा हेतु आभार आपका.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:37pm

उत्साहवर्धन हेतु हृदय से आभार आदरणीय खुर्शीद साहब.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:36pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र पस्तारिया जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:28pm

आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति ही लघुकथा को अलंकृत देती है उसपर उत्साहवर्धक टिप्पणी ! सच श्रम सार्थक हो गया, बहुत बहुत आभार आदरणीय। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:25pm

 आदरणीय विजय शंकर जी, इस लघुकथा पर आपसे आशीर्वाद प्राप्त हुआ, निश्चित ही मनोबल मे वृद्धि हुई, सादर आभार आदरणीय .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 18, 2014 at 8:25pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति उत्साहवर्धक है, बहुत बहुत आभार .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 18, 2014 at 8:12pm

आदरणीय बागी जी , आपकी ये लघुकथा सर्वश्रेष्ठ लघुकथाओं में एक लगी ! बहुत खूब !! दिल से बधाइयाँ और आपकी इस सोच के लिये आपको सलाम !

Comment by Shubhranshu Pandey on November 18, 2014 at 7:34pm

पत्तल के लिये भूखे बच्चे और कुत्ते के बीच लडाई का चित्र उभर कर सामने आ गया. सुन्दर कथा. बधाई गणेश भईया...

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