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बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय राम शिरोमणि जी
शायद कुछ तो दिख ही जाये।
मैंने खुद के अंदर देखा।
अच्छा शेर हुआ है
धरती शब्द का प्रयोग स्त्रीलिंग अनुसार होता है, मिथिलेश जी का सुझाव उचित है
bahut hi acche aashaar hue hai .....sambhav aur sarthak sudhar to mithilesh ji kar hi diya ....
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