For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिना तुम्हें बताए

बिना तुम्हें बताए

अजीब प्रश्न हैं तुम्हारे

यूँ जैसेकि चक्रव्यूह

दिल-दिमाग भिड़ गए

बोलो किस माध्यम से उत्तर दूँ|

सच है! तुम्हारा जाना खलेगा

क्योंकि तुम्हारे जाने से बनेगा

एक शून्य |

जिसे सिर्फ़ तुम भर सकती हो

और मेरे आस-पास जो उदासी है

उसमें कलरव कर सकती हो||

पर तुम्हारा जाना भी बुरा नही है

क्योंकि मैं इससे व्यर्थ के सपने

देखने से बच सकता हूँ

अपनी दुनिया नए ढंग से रच सकता हूँ

कम कर सकता हूँ  तुम पर आश्रितता

जिससे खले ना तुम्हारे जाने पर ये रिक्तता |

रिश्ते उतने प्रगाढ़ होते हैं,जितना साथ दिया जाता है

पर जिनका जाना तय हो ,उन्हें हँसती निगाहों से

अलविदा किया जाता है|

इसलिए कहूँगा तुम्हें ”अलविदा”

जब भी तुम कहोगी–बस,अब जाना है!

बिना तुम्हें ये बताए कि-तुम्हारे कौन-कौन से

अक्स का ये दिल में दीवाना है  ||

.

सोमेश कुमार(२०१०),मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 359

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2015 at 8:22pm

बहुत सुन्दर रचना , आदरणीय सोमेश भाई , आत्मविश्वास किसी भी रंग मे आये अच्छा ही होता है । दिली बधाइयाँ स्वीकार कीजिये

Comment by Hari Prakash Dubey on January 2, 2015 at 6:34pm

अंतर्द्वंदों को दर्शाती सार्थक रचना , हार्दिक  बधाई सोमेश भाई ! अब आपका लेखन गद्य से पद्य की तरफ जा रहा है , शुभकामनायें , आपको !

Comment by khursheed khairadi on January 2, 2015 at 12:00pm

अपनी दुनिया नए ढंग से रच सकता हूँ

कम कर सकता हूँ  तुम पर आश्रितता

जिससे खले ना तुम्हारे जाने पर ये रिक्तता |

आदरणीय सोमेश जी ,सुन्दर भावाभिव्यक्ति है |सादर अभिनन्दन |

Comment by somesh kumar on January 2, 2015 at 11:05am

अनुमोदन के लिए धन्यवाद प्रेषित है आदरणीय|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service