चाय का घूंट लेते हुए उनकी नज़र अखबार की एक खबर पर चली गयी. इलाके में एक लड़की की इज़्ज़त लुटी, आरोपी फरार"|
मन ही मन में राहत की सांस लेते हुए उन्होंने बगल में बैठी पत्नी से कहा " अच्छा हुआ , हमारी लड़की नहीं हुई वर्ना हमें भी डर के रहना पड़ता "|
पत्नी ने एक गहरी सांस ली और पिछले दिन का अखबार निकाला , पहले पन्ने पर छपी हुई तस्वीर जिसमें लड़कियां गणतंत्र दिवस के परेड की अगुआई कर रहीं थीं , उनके सामने रख दिया | चाय उनके हाँथ में ठंडी हो रही थी , वो पत्नी से नज़र नहीं मिला पा रहे थे |
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी..
बहुत बढ़िया लघुकथा, आदरणीय विनय जी. बहुत-२ बधाई
बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी..
लघुकथा बहुत अच्छी लगी , आदरणीय बधाई आपको ।
बहुत बहुत आभार आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी ..
आदरणीय विनय कुमार जी, सफल लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई
बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी..
बहुत बहुत आभार आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी..
आदरणीय विनय कुमार जी, सफल लघुकथा , हार्दिक बधाई !
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