तुम साहसी हो,
मैं यह मानकर चला,
इसी भाव को,
हृदय में धारण कर,
प्रेम पथ पर आगे बढ़ा,
भावी जीवन का स्वप्न सजोयें,
परिवार, समाज, दुनिया से लड़ा,
पर देखो आज शर्मिन्दा खड़ा हूँ ,
स्वयं की नजरों में गिरा पड़ा हूँ ,
मुझे प्यार किया तुमने, पर कह ना सकीं,
मेरा जीवन होम हुआ, पर भंग न तुम्हारा मौन हुआ !!
© हरि प्रकाश दुबे
"मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय मोहन सेठी जी,हार्दिक आभार आपका ! सादर
आदरणीय उमेश कटारा जी, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर
आदरणीय मिथिलेश भाई , रचना की सराहना करने के लिए आपका ह्रदय तल से आभार ! सादर
आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर ,आपका आशीर्वाद मिल गया ,रचना सार्थक हुई ! सादर !
आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी, उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया साहब ,आपकी उत्साहवर्धक सराहना के लिए, आपका बहुत-बहुत आभार ,सादर
आदरणीय डॉ विजय शंकर सर , प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर
आदरणीय इंजी.गणेश जी “बागी” सर , रचना को स्वीकृति प्रदान करने एवं मान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
वाह! बहुत सुंदर. छोटी किन्तु प्राभावशील रचना, बधाई आदरणीय हरिप्रकाश जी
कभी कभी हर साहस समाज के दबाव में हल्का पड़ जाता है ....सुंदर भाव
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online