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ग़ज़ल-झील सा शीतल चाँद से सुन्दर लिख्खा है |

झील सा शीतल चाँद से सुन्दर लिख्खा है
हमने जो देखा है मंज़र लिख्खा है

अबजद हव्वज़ का भी जिन को इल्म नहीं
दुनिया ने उन को भी सुख़नवर लिख्खा है

आज उसी पर फूल वफ़ा के खिलते हैं
तुमने जिस धरती को बंजर लिख्खा है

पढ़कर देखो मेरी इन तहरीरों को
तुमको ही उन्वान बनाकर लिख्खा है

कुछ लोगों ने दौर-ए-ख़िज़ाँ के बारे में
कमरे में फूलों को सजाकर लिख्खा है

हमने बग़ावत करके सारी दुनिया से
महरूमी का नाम सिकन्दर लिख्खा है

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on April 9, 2015 at 9:57am
जनाब नीरज कुमार "नीर" जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |
Comment by Neeraj Neer on April 8, 2015 at 7:15pm

बहुत ही सुंदर गजल.... महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने भी भी हार्दिक बधाई ... 

Comment by Samar kabeer on April 1, 2015 at 6:07pm
जनाब नादिर ख़ान जी,आदाब, आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
Comment by नादिर ख़ान on March 31, 2015 at 11:28am

 जनाब समर कबीर साहब बेहतरीन गज़ल की जितनी तारीफ करें कम है। सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर ढेरों मुबारकबाद ।

Comment by Samar kabeer on March 25, 2015 at 2:11pm
जनाब विजय निकोरे जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
Comment by vijay nikore on March 25, 2015 at 1:02pm

खूबसूरत गज़ल। बधाई।

Comment by Samar kabeer on March 24, 2015 at 10:05pm
जनाब डा.आशुतोष मिश्रा जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 24, 2015 at 1:21pm

आदरणीय समीर जी ..इस उत्कृष्ट ग़ज़ल और इस ग़ज़ल के महीने की सर्वश्रेष्ठ ग़ज़ल चुने जाने पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें ..सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 21, 2015 at 12:17pm

यही इस मंच की विशेषता है भाई साहब. यहाँ जो जितना जानता है उसी समझ के अनुरूप किसी सदस्य के प्रश्नों का उत्तर देता है.  उससे अधिक समझदार सदस्य या तो उस जवाब का अनुमोदन करता है या उसी जवाब में उससे आगे की बात जोड़ देता है.

यही तो ’सीखने-सिखाने’ की परिपाटी हुआ करती है न ?

Comment by Samar kabeer on March 21, 2015 at 11:07am

जनाब सौरभ पाण्डेय जी,आदाब,आपकी इनायतों का कैसे शुक्रिया अदा करूँ कि आपने मेरी ग़ैर हाज़िरी में मोहतरमा निधि अग्रवाल जी को बह्र के बारे में जानकारी दी,इसी तरह स्नेह बनाए रखियेगा,आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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