For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

था सरीफों के लिए वो - लक्ष्मण धामी ’मुसाफिर’

2122    2122   2122   212
*****************************
दुर्दिनों ने आँख का  जब यार  जाला  हर लिया
तब दिखा है मयकशी ने इक शिवाला हर लिया
****
बाँटती थी  कल  तलक तो  वो बहुत ही जोर दे
राह ने किस बात से  अब पाँव छाला हर लिया

****

था  सरीफों  के  लिए  वो  राह  से  भटकें नहीं
कोतवालो चोर  से  पहले  ही  ताला हर लिया

****
टोकता है  कौन  दिन  को  दे  उजाला  कुछ उसे
रात के हिस्से का जिसने सब उजाला हर लिया
****
था पुराना  ही  सही पर मान रखता था तनिक
आप की  इस  खींचतानी ने दुशाला  हर लिया
****
माँ खिला लेती थी  जूठन बाप  गुजरे बाद भी
साहुकारों की  हवस ने  पर निवाला हर लिया
****
मौलिक और अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी ’मुसाफिर’

Views: 570

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2015 at 10:47am

आ० भाई श्याम  जी , उत्साहवर्धन के लिय हार्दिक धन्यवाद l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2015 at 10:46am

आ० भाई महर्षि जी , हार्दिक आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2015 at 10:46am

आ० भाई धर्मेन्द्र जी , ग़ज़ल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक बधाई l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2015 at 10:45am

आ० भाई कृष्णा मिश्रा जी , उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार .

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2015 at 10:44am

आ० भाई गिरिराज जी अपनी उपस्थिति से ग़ज़ल का मन बढ़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद l

Comment by Shyam Mathpal on March 9, 2015 at 9:23pm

Aadarniya Dhami Ji,

Aapne bahut sudar tarike se ek chitarn kiya hai. Niche likhi panktiya man ko choo gaee.

माँ खिला लेती थी  जूठन बाप  गुजरे बाद भी
साहुकारों की  हवस ने  पर निवाला हर लिया

Bahut badhai.

Comment by maharshi tripathi on March 9, 2015 at 6:12pm

वाह !!क्या लाजवाब गजल है ,,,ढेरों बधाई आ.धामी जी |

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 9, 2015 at 6:10pm

था पुराना  ही  सही पर मान रखता था तनिक
आप की  इस  खींचतानी ने दुशाला  हर लिया  ,,,,,,,,,,,,, लाजवाब शे र ! बधाई

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 8, 2015 at 6:29pm

दुर्दिनों ने आँख का  जब यार  जाला  हर लिया
तब दिखा है मयकशी ने इक शिवाला हर लिया

मत्ला जबरदस्त हुआ है! गजल की जान बन गया है!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 8, 2015 at 3:59pm

था पुराना  ही  सही पर मान रखता था तनिक
आप की  इस  खींचतानी ने दुशाला  हर लिया  ,,,,,,,,,,,,, लाजवाब शे र ! आदरणीय लक्ष्मण भाई ,एक और अच्छी गज़ल के लिये बधाइयाँ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service