For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया छंद (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष_

नारी अब चेतन हुई ,बदला उसका रूप 

हर मौसम हर समय वो ,लेती नए स्वरूप 

लेती नए स्वरूप ,आसमां पर छा जाती 

सहती हर संघर्ष ,दिलेरी खूब दिखाती 

स्वाभिमान को जान,स्वयं पर जाती वारी

खूब कमाती मान ,आज कीशिक्षित नारी ॥ 

अप्रकाशित व मौलिक 

कल्पना मिश्रा बाजपेई 

Views: 640

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 11, 2015 at 10:16am

 आदरणीय कल्पना मिश्रा बाजपेई जी , कुछ परिवर्तन के साथ रचना और निखर उठी है ,बधाई ! सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 10, 2015 at 11:13pm

आभार rajesh kumari दीदी /सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 10, 2015 at 9:30pm

स्वाभिमान को जान ,करने से सही हो जाएगा ,बाकी गुणी जन बता चुके हैं 

आप प्रयासरत रहें धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा इन सुन्दर भावों के लिए हार्दिक बधाई प्रिय कल्पना जी 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 10, 2015 at 9:28pm

आप सभी माननीय गुणी जनों का हार्दिक आभार /सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 10, 2015 at 11:24am

आदरणीया अच्छी कुंडलिया रची है आपने , बधाइयाँ ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:06pm

आदरणीया कल्पना मिश्रा जी बहुत ही सकारात्मक सुन्दर रचना है ,बधाई आपको ! सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 9, 2015 at 9:16pm

आप सभी सुधि जनों का बहुत बहुत आभार। आप सभी ऐसे ही मार्ग दर्शन की जरूरत है मुझे हार्दिक शुक्रिया /सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 9, 2015 at 7:47pm

आ. गोपाल नारायनजी की बातों का संज्ञान लेते हुए अभ्यासरत रहें.
साथ ही इस प्रस्तुति (कुण्डलिया छन्द) के दोहा वाले भाग में भी ’समय’ को ’वक्त’ कीजिये या ऐसा ही कोई बदलाव करें. देखियेहा, दोहा वाले भाग की भी गेयता सुधरी दिखेगी. ऐसा क्यों होगा ?
सादर

Comment by maharshi tripathi on March 9, 2015 at 5:49pm

इस सुन्दर प्रस्तुति  पर आपको बधाई आ.कल्पना मिश्रा जी |

Comment by Shyam Mathpal on March 9, 2015 at 4:41pm

Aadarniya Kalpana Ji,

Aadhunik nari ke badle swaroop ko chitran karne wali rachna ke liye badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service